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Video: स्वर्ण मंदिर में सेवा कर रहे सुखबीर बादल पर फायरिंग, बाल-बाल बचे, आरोपी गिरफ्तार

अमृतसर, 4 दिसंबर (ट्रिन्यू/एजेंसी) Attack on Sukhbir Badal: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को एक व्यक्ति ने उस समय गोली चलाने का प्रयास किया जब वह स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार' के रूप में सेवाएं...
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घटना का वीडियो ग्रैब।
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अमृतसर, 4 दिसंबर (ट्रिन्यू/एजेंसी)

Attack on Sukhbir Badal: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को एक व्यक्ति ने उस समय गोली चलाने का प्रयास किया जब वह स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार' के रूप में सेवाएं दे रहे थे। इस हमले में बादल बाल बाल बच गए। स्वर्ण मंदिर के बाहर मौजूद कुछ लोगों ने आरोपी को पकड़ लिया जिससे उसका निशाना चूक गया और गोली दीवार में जा लगी।

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पंजाब में शिअद सरकार द्वारा 2007 से 2017 तक की गई ‘गलतियों' के लिए स्वर्ण मंदिर में ‘सेवादार' के रूप में बादल की सजा का यह दूसरा दिन था, जिसे ‘कवर' करने पहुंचे मीडियाकर्मियों के कैमरे में हमले का पूरा दृश्य ‘रिकॉर्ड' हो गया। टेलीविजन में दिखाए गए दृश्यों में बादल ‘व्हीलचेयर' पर बैठ कर ‘सेवा' देते दिख रहे हैं। बादल के एक पैर की हड्डी टूटी हुई है।

यह भी पढ़ें: Sukhbir Badal attack case: कौन है सुखबीर बादल पर हमला करने वाला, पहले से ही हैं कई मामले दर्ज

हमलावर धीरे-धीरे उनकी ओर बढ़ता दिख रहा है और अपनी जेब से बंदूक निकालता है। इस बीच, बादल के पास खड़े एक व्यक्ति ने तुरंत हमलावर के हाथ पकड़ लिए। हाथापाई में एक गोली बादल के पीछे की दीवार पर लगी। घटना में वह बाल-बाल बच गए।

पुलिस ने हमलावर की पहचान डेरा बाबा नानक निवासी नारायण सिंह के रूप में की है और हमले के बाद सुरक्षा अधिकारी हमलावर को वहां से ले गए। पंजाब में 2007 से 2017 तक शिरोमणि अकाली दल सरकार द्वारा की गई ‘गलतियों' के कारण बादल और अन्य नेताओं के लिए ‘तनखा' (धार्मिक दंड) की घोषणा करते हुए अकाल तख्त के सिख धर्मगुरु ने सोमवार को वरिष्ठ अकाली नेताओं को ‘सेवादार' के रूप में सेवा करने, स्वर्ण मंदिर में बर्तन धोने और जूते साफ करने का निर्देश दिया था।

सिख धर्मगुरुओं द्वारा ‘तनखैया' (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किए जाने के बादल स्वर्ण मंदिर में ‘सेवादार' के रूप में सेवा दे रहे थे। एक हाथ में भाला थामे, 'सेवादार' की नीली वर्दी पहने शिरोमणि अकाली दल के नेता स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर बैठकर ‘सेवा' करते दिखे। उनके गले में एक छोटा सा ‘बोर्ड' लटका हुआ था, जिस पर उनके द्वारा किए गए ‘गलत कार्य' लिखे हुए थे। शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने बादल पर हमले की कड़ी निंदा की।

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