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Video: गले में पट्टिका लटकाए सजा भुगतने स्वर्ण मंदिर पहुंचे सुखबीर बादल

श्री अकाल तख्त साहिब ने कल सुनाई थी सेवा करने की सजा
धार्मिक सजा भुगतने पहुंचने सुखबीर बादल। ट्रिब्यून फोटो
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चंडीगढ़, 3 दिसंबर (ट्रिन्यू/एएनआई)

Sukhbir Badal: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी देने व बेअदबी मामलों को लेकर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींडसा श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा कल सुनाई गई धार्मिक सजा के तहत मंगलवार को गले में पट्टिका लटकाए अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पहुंचे। सुखबीर सिंह बादल पैर में फ्रैक्चर होने के कारण व्हीलचेयर पर थे, जबकि ढींडसा ने अपनी सजा के तहत सेवा शुरू की।

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श्री अकाल तख्त साहिब ने शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान 2007 से 2017 तक की गई गलतियों का हवाला देते हुए सुखबीर बादल और उनके मंत्रियों को यह धार्मिक सजा सुनाई। यह सजा स्वर्ण मंदिर में 'सेवादार' के रूप में काम करने, बर्तन धोने और जूते साफ करने की है। इसके अलावा, सजा में एक घंटे तक लंगर सेवा और शौचालय की सफाई भी शामिल है।

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस सजा की घोषणा करते हुए कहा कि सभी दोषियों को गले में पट्टिका डालकर अपनी सजा पूरी करनी होगी। सुखबीर और ढींडसा के अलावा अन्य दोषियों को भी यह सजा दी गई है।

सुखबीर सिंह बादल के पैर में प्लास्टर होने के बावजूद, उन्हें सेवा के दौरान व्हीलचेयर पर बैठकर झाड़ू लगाने और हाथ में बरछा पकड़कर एक घंटे तक सेवा करने का समय दिया गया। इसके बाद, उन्हें लंगर के बर्तन धोने के लिए भी समय निर्धारित किया गया। सुखबीर बादल और सुखदेव सिंह ढींडसा को दो दिन श्री हरमंदिर साहिब में और दो दिन तख्त दमदमा साहब में सेवा करनी होगी।

पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा ने कहा कि उन्हें सेवा करने का आदेश दिया गया है। यह सर्वशक्तिमान का आदेश है जो अकाल तख्त ने मेरे लिए सुनाया है। वह गेट पर बैठेंगे। इसके अलावा लंगर में भी सेवा देंगे।

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