Video: नेतन्याहू की टिप्पणी पर भड़के इस्राइली नागरिक, बेटे की शादी को लेकर कही थी ये बात
चंडीगढ़, 20 जून (वेब डेस्क)
Benjamin Netanyahu: इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार वजह बना उनका वह बयान जिसमें उन्होंने अपने बेटे की शादी में देरी को युद्ध की 'व्यक्तिगत कीमत' करार दिया। इस टिप्पणी से देशभर में नाराजगी फैल गई और लोगों ने प्रधानमंत्री को जमकर लताड़ लगाई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नेतन्याहू ने बीरशेवा के सोरोका अस्पताल का दौरा किया था, जो हाल ही में ईरान के मिसाइल हमले में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। अस्पताल के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "हम द्वितीय विश्व युद्ध के समय के ब्रिटेन जैसी स्थिति में हैं। जैसे वहां लगातार बमबारी के बावजूद लोगों ने हिम्मत नहीं हारी, हमें भी मजबूती दिखानी होगी।"
इसी दौरान उन्होंने बताया कि युद्ध के चलते उनके बेटे की शादी एक बार फिर टालनी पड़ी है, जिससे उनकी पत्नी सारा और बेटे की मंगेतर बेहद दुखी हैं। उन्होंने सारा नेतन्याहू को "नायक" भी बताया।
जनता ने जताई तीखी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। सोशल मीडिया पर नेतन्याहू की आलोचना की बाढ़ आ गई। यूजर्स ने कहा कि
"ऐसे कई लोग हैं, जिनकी शादी कभी हो ही नहीं पाएगी। कई जवान युद्ध में मारे जा चुके हैं, कई परिवार उजड़ चुके हैं। ऐसे में नेतन्याहू का अपनी ‘निजी तकलीफ’ को युद्ध की कीमत बताना बेहद आत्मकेंद्रित और असंवेदनशील है।"
सूत्रों के अनुसार नेतन्याहू अपने बेटे की शादी के लिए छुट्टी लेने की योजना में थे। यह शादी सोमवार को होनी थी, लेकिन जनता के विरोध और माहौल को देखते हुए इसे दूसरी बार स्थगित कर दिया गया। पहली बार यह शादी नवंबर 2023 में टाली गई थी।
राजनीतिक गलियारों से भी आलोचना
सिर्फ आम जनता ही नहीं, नेतन्याहू की टिप्पणी की आलोचना राजनीतिक हलकों से भी हो रही है। इस्राइल के प्रमुख नेता गिलाद करिव ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैं ऐसे कई परिवारों को जानता हूं, जिन्हें शादी टालनी नहीं पड़ी बल्कि वे अब कभी अपनी शादी का जश्न ही नहीं मना सकेंगे। हमारे सच्चे नायक वे डॉक्टर हैं जो रात में ड्यूटी करते हैं, वे शिक्षक हैं जो बच्चों को जूम पर पढ़ा रहे हैं।"
सवालों के घेरे में नेतन्याहू
विपक्ष का आरोप है कि प्रधानमंत्री युद्ध की स्थिति में भी अपनी छवि चमकाने और निजी मामलों को केंद्र में लाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि देश संकट से गुजर रहा है। अब यह देखना होगा कि नेतन्याहू इस विवाद पर क्या सफाई देते हैं और जनता का गुस्सा शांत करने के लिए क्या कदम उठाते हैं।