अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने UN को ‘नाकारा' बताया, यूरोप को चेतावनी दी
Trump Comment on UN: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को विश्व निकाय को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र की आलोचना की और उसे एक नाकारा संस्था बताया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिका के अपने नेतृत्व में उठाए गए कदमों की सराहना की और साथ ही चेतावनी दी कि यदि यूरोप गलत प्रवासी और हरित ऊर्जा नीतियों से पीछे नहीं हटता तो उसका विनाश हो जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में लगभग एक घंटे लंबे अपने भाषण में ट्रंप ने शिकायतों और आत्म-प्रशंसा से भरे लहजे में न केवल अपने दूसरे कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान किया, बल्कि यह भी कहा कि कुछ विश्व नेताओं के देशों की हालत ‘‘नरक जैसी'' हो रही है। ट्रंप ने वैश्विक संस्था की निष्क्रियता की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह “खोखले शब्दों” से भरी है जो “युद्धों का समाधान नहीं करती।”
उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य क्या है? संयुक्त राष्ट्र में अपार संभावनाएं हैं। मैंने हमेशा यह कहा है। इसमें बेहद बड़ी संभावनाएं हैं। लेकिन यह उन संभावनाओं को पूरा करने के करीब भी नहीं पहुंच रहा।'' बहरहाल, बाद में ट्रंप ने कुछ राजनयिकों की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की और संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष नेता को यह आश्वासन दिया कि अपनी पहले की आलोचनाओं के बावजूद अमेरिका वैश्विक निकाय का ‘‘100 प्रतिशत'' समर्थन करता है।
ट्रंप ने अपनी सरकार की उन नीतियों का बखान किया जिनके तहत अमेरिका में तेल और प्राकृतिक गैस की खुदाई को बढ़ावा दिया गया और अवैध आव्रजन पर सख्ती से कार्रवाई की गई। उन्होंने परोक्ष रूप से सुझाव दिया कि और अधिक देशों को भी इस राह पर चलना चाहिए।
उन्होंने यूरोपीय देशों को कड़ी चेतावनी दी, जो अधिक उदार आव्रजन नीतियों को अपनाते हैं और अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए महंगी ऊर्जा परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्ध हैं। ट्रंप ने कहा कि ऐसा करने से वे अपनी अर्थव्यवस्था और संस्कृति को अपूरणीय क्षति पहुंचा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको बता रहा हूं कि अगर आप इस हरित ऊर्जा धोखाधड़ी से दूर नहीं हुए तो आपका देश असफल हो जाएगा। अगर आप उन लोगों को नहीं रोकेंगे जिन्हें आपने पहले कभी नहीं देखा और जिनसे आपका कोई मेल-जोल नहीं है, तो आपका देश बर्बाद हो जाएगा।''
ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में खराब एस्केलेटर और टेलीप्रॉम्प्टर पर तंज कसा
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप एस्केलेटर पर चढ़े, तो स्वचालित सीढ़ियां अचानक रुक गयीं, इसके बाद बची-खुची कसर खराब टेलीप्रॉम्प्टर ने पूरी कर दी। संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने बताया कि ट्रंप और मेलानिया के साथ आए एक वीडियोग्राफर ने उनके आगमन को फिल्माने की कोशिश की और अनजाने में सुरक्षा तंत्र को चालू कर दिया, जिससे ऐसा होने की आशंका है।
यह घटना मंगलवार सुबह हुई जब ट्रंप और प्रथम महिला महासभा के सभागार की ओर बढ़ रहे थे, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय 80वें सत्र में विश्व नेताओं को संबोधित करने वाले थे।
दुनिया भर में कार्यक्रम के सजीव प्रसारण में दिखा कि प्रतिनिधि प्रवेश द्वार के पास एस्केलेटर अचानक रुक गया। एस्केलेटर के अचानक रुकने से ट्रंप और मेलानिया को थोड़ा झटका लगा और इसके बाद प्रथम महिला को रुके हुए एस्केलेटर पर चलना पड़ा, जिसके बाद राष्ट्रपति उनके पीछे आए।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बताया कि राष्ट्रपति, प्रथम महिला और उनकी टीम प्रतिनिधि प्रवेश द्वार से होकर सुरक्षा द्वार पार करने के बाद एस्केलेटर की ओर बढ़े। उनके आगमन को रिकॉर्ड करने के प्रयास में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक वीडियोग्राफर एस्केलेटर पर उनके आगे चढ़ गया। जैसे ही प्रथम महिला और राष्ट्रपति सीढ़ियों पर चढ़े, उसी समय एस्केलेटर रुक गया। दुजारिक ने कहा कि जैसे ही प्रतिनिधिमंडल दूसरी मंजिल पर पहुंचा तो हमारे तकनीशियन ने एस्केलेटर को ठीक कर दिया।
जांच में पता चला कि एस्केलेटर पर एक सुरक्षा तंत्र सक्रिय हो गया था। यह तंत्र लोगों या वस्तुओं के एस्केलेटर के गियरिंग में फंसने से रोकने के लिए बनाया गया है। वीडियोग्राफर ने संभवतः इसे अनजाने में सक्रिय कर दिया। इस घटना के बाद सभागार में टेलीप्रॉम्प्टर भी खराब हो गया। ट्रंप ने अपने संबोधन की शुरुआत में मजाक करते हुए कहा, ‘‘मुझे टेलीप्रॉम्प्टर के बिना भाषण देने में कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि यह काम नहीं कर रहा।'' इस टिप्पणी पर वहां उपस्थित विश्व नेताओं ने ठहाके लगाए। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र से मुझे दो चीजें मिलीं- एक खराब एस्केलेटर और खराब टेलीप्रॉम्प्टर। धन्यवाद।''
यह ट्रंप का अपने दूसरे कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र में पहला संबोधन था। अमेरिकी नेता ने बाद में गुतारेस के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान टेलीप्रॉम्प्टर और एस्केलेटर की घटनाओं का भी उल्लेख किया। बाद में व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘अगर किसी ने जानबूझकर एस्केलेटर रोका है, तो उसे तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए और घटना की जांच की जानी चाहिए।''
लीविट ने ‘द टाइम्स' में प्रकाशित एक लेख का स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किया जिसमें कहा गया कि ट्रंप के आगमन के लिए संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों ने मजाक में कहा कि वे एस्केलेटर और लिफ्ट बंद कर कर सकते हैं और राष्ट्रपति को यह बता सकते हैं कि उनके पास पैसे खत्म हो गए हैं, इसलिए उन्हें सीढ़ियों से ऊपर जाना होगा।
रूस के हाथों गंवाए सभी क्षेत्र वापस हासिल कर सकता है यूक्रेन : ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि यूक्रेन, रूस के हाथों गंवाए सभी क्षेत्रों को वापस हासिल कर सकता है। यह बयान उनके पहले के रुख से अलग है, जब उन्होंने बार-बार युद्ध समाप्त करने के लिए कीव को रियायतें देने की अपील की थी।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में विश्व नेताओं की बैठक से इतर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात के तुरंत बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर यह टिप्पणी की। उन्होंने लिखा, ‘‘मुझे लगता है कि यूरोपीय संघ के समर्थन से यूक्रेन उस स्थिति में है कि वह लड़कर और जीतकर अपने पूरे क्षेत्र को वापस पा सके। समय, धैर्य और यूरोप तथा विशेष रूप से नाटो के वित्तीय सहयोग से इस युद्ध की शुरुआत में जहां से सीमाएं बदली थीं, वहां तक लौटना पूरी तरह संभव है।''
ट्रंप का यह समर्थन यदि बरकरार रहता है, तो जेलेंस्की के लिए बड़ी जीत साबित होगा। जेलेंस्की लंबे समय से अमेरिकी राष्ट्रपति से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाए रखने की अपील कर रहे हैं ताकि इस युद्ध को समाप्त किया जा सके। यह रुख ट्रंप के पहले के उन बयानों से बिल्कुल अलग है, जिनमें उन्होंने कहा था कि यूक्रेन रूस के कब्जाए गए सभी इलाकों को कभी वापस नहीं पा सकेगा, जिनमें 2014 में क्रीमिया प्रायद्वीप पर कब्जा भी शामिल है।
ट्रंप ने विश्व नेताओं को दिए अपने संबोधन में यह भी माना है कि उन्हें लगा था इस संघर्ष का समाधान ‘‘सबसे आसान'' होगा क्योंकि उनके पुतिन के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं और उन्होंने यूरोप से इसमें शामिल होने का आग्रह किया।