US Illegal Migrants: लाखों खर्च कर 15 दिन पहले पहुंचा था अमेरिका, अब US से पहुंचा अंबाला
अंबाला, 7 फरवरी (एजेंसी)
US Illegal Migrants: अमेरिका जाने की चाहत ने अंबाला के एक युवक और उसके परिवार को भारी संकट में डाल दिया। एक एजेंट ने उसे जल्द और आसान तरीके से अमेरिका भेजने का झांसा दिया, लेकिन यह सपना बिखर गया। ठगी के इस मामले में एजेंट ने परिवार से 40 से 45 लाख रुपये ऐंठ लिए और युवक को अवैध तरीके से ‘डंकी रूट’ के जरिए अमेरिका भेजने की कोशिश की।
युवक ने लंबे समय तक पैदल चलकर नदी, नालों को पार करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से एक दिन पहले यानी 19 जनवरी को अमेरिका की धरती पर कदम रखा, लेकिन वह पकड़ा गया। अमेरिका पहुंचने के महज 15 दिन बाद ही उसे भारत की धरती पर डिपोर्ट कर दिया गया।
युवक के पिता ने बताया कि उनका बेटा अंबाला में दुकान चलाता था, लेकिन एजेंट के झांसे में आकर उसने अमेरिका जाने का फैसला किया। एजेंट ने भरोसा दिलाया कि वह उसे एक महीने के भीतर अमेरिका पहुंचा देगा, लेकिन हकीकत में यह सफर आठ से नौ महीने लंबा खिंच गया।
अवैध रास्ते से अमेरिका भेजा, फिर हुई गिरफ्तारी
युवक को बेहद खतरनाक और अवैध 'डंकी रूट' से अमेरिका भेजा गया, जहां उसे कई घंटों तक पैदल चलने के लिए मजबूर किया गया। जब वह 19 जनवरी को अमेरिकी सीमा पार कर रहा था, तो वहां की सुरक्षा एजेंसियों ने उसे पकड़ लिया। अमेरिकी अधिकारियों ने उसे पांच से सात दिन तक हिरासत में रखा और फिर भारत वापस भेज दिया।
युवक के पिता ने बताया, "एजेंट ने कहा था कि मेरा बेटा बिना किसी परेशानी के अमेरिका पहुंच जाएगा, लेकिन उसने हमसे झूठ बोला। उसने यह नहीं बताया कि उसे इतनी कठिनाइयों से गुजरना होगा। मेरे बेटे ने अपनी दुकान और सारी संपत्ति बेच दी। मैंने भी अपनी पेंशन से उसे पैसे दिए। लेकिन अब वह खाली हाथ लौट आया है।"
सरकार से की सख्त कार्रवाई की मांग
युवक के पिता ने सरकार से अपील की कि ऐसे एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए जो लोगों को अवैध तरीके से विदेश भेजकर ठगी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम एजेंट के खिलाफ शिकायत करेंगे ताकि और किसी के साथ ऐसा न हो। सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि निर्दोष लोगों को इस तरह से ठगा न जा सके।"
अवैध रूप से अमेरिका जाने वालों की हो रही है वापसी
यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब 5 फरवरी को अमेरिका से 104 भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया। अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) के तहत इन नागरिकों को विशेष विमान से अमृतसर भेजा गया।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में बयान देते हुए कहा कि किसी भी देश की यह जिम्मेदारी होती है कि वह अपने अवैध प्रवासियों को वापस ले। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका से लौटाए जा रहे नागरिकों के साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए सरकार अमेरिकी प्रशासन से संपर्क में है।
जयशंकर ने कहा, "अमेरिका से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया आईसीई के तहत होती है। इस प्रक्रिया में महिलाओं और बच्चों को बेड़ियों में नहीं जकड़ा जाता। इसके अलावा, उनके खानपान, चिकित्सा आवश्यकताओं और अन्य जरूरतों का भी ध्यान रखा जाता है।" अवैध प्रवासन को रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन फिर भी कई लोग ठगी के शिकार होकर अपनी जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं।