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ट्रंप प्रशासन को US कोर्ट से झटका, भारतीय छात्र का Visa रद्द करने और निर्वासन पर लगाई रोक

US Indian Student Visa: यह आदेश अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण जीत
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सांकेतिक फाइल फोटो।
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न्यूयार्क, 16 अप्रैल (एजेंसी)

US Indian Student Visa: अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने भारतीय छात्र कृष लाल ईसरदासानी को देश से निकाले जाने की ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई पर अस्थायी रोक लगा दी है। 21 वर्षीय ईसरदासानी यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मैडिसन में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं और 2021 से F-1 स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका में रह रहे हैं।

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अदालत में दाखिल दस्तावेजों में बताया गया कि ईसरदासानी ने पूरे समय पढ़ाई की है और उनकी अकादमिक स्थिति भी अच्छी रही है। वह अपने अंतिम सेमेस्टर में हैं और 10 मई, 2025 को डिग्री पूरी होने की उम्मीद है।

हालांकि, उन्हें 22 नवंबर, 2024 को एक मामूली मौखिक बहस के बाद डिसऑर्डरली कंडक्ट (अशांत आचरण) के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जिला अटॉर्नी ने मामला खारिज कर दिया और कोई चार्ज नहीं लगाया गया। इसके बावजूद, 4 अप्रैल, 2025 को यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल स्टूडेंट सर्विसेज (ISS) कार्यालय ने उन्हें सूचित किया कि उनका SEVIS रिकॉर्ड (विदेशी छात्रों का आधिकारिक रिकॉर्ड) समाप्त कर दिया गया है।

यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी द्वारा SEVIS टर्मिनेशन का कारण बताया गया — "क्रिमिनल रिकॉर्ड की पहचान या वीज़ा रद्द होने के चलते स्टेटस बनाए रखने में विफलता"। लेकिन ईसरदासानी को इस संबंध में कोई पूर्व सूचना, सफाई देने का मौका या अपील का अवसर नहीं मिला।

SEVIS समाप्त होने से ईसरदासानी अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पाएंगे, न ही वे OPT (Optional Practical Training) के लिए आवेदन कर सकेंगे, जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को पढ़ाई के बाद अमेरिका में कार्य अनुभव लेने की अनुमति देता है।

अदालती दस्तावेजों के अनुसार, ईसरदासानी और उनके परिवार ने अमेरिका में शिक्षा पर अब तक करीब 2.4 लाख डॉलर खर्च किए हैं। मौजूदा सेमेस्टर की फीस 17,500 डॉलर है, जो अब डूबने की स्थिति में है। इसके साथ ही वह चार महीने का किराया भी देने को बाध्य हैं, भले ही देश में रहने की अनुमति न हो।

ईसरदासानी ने मानसिक तनाव और भय का भी जिक्र किया है, जिसके चलते वे अपने अपार्टमेंट से बाहर निकलने से डरते हैं। वेस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ विस्कॉन्सिन के डिस्ट्रिक्ट जज विलियम कॉनले ने इस पर अस्थायी रोक लगाते हुए आदेश दिया है कि जब तक आगे की सुनवाई नहीं होती, तब तक ईसरदासानी के SEVIS रिकॉर्ड को रद्द करने और वीज़ा रद्द करने या उन्हें हिरासत में लेने जैसी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई 28 अप्रैल, 2025 को होगी।

ईसरदासानी की वकील शबनम लोटफी ने कहा कि यह आदेश अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है। उन्होंने बताया कि हाल के महीनों में अमेरिका में लगभग 1,300 छात्रों के SEVIS रिकॉर्ड अचानक रद्द कर दिए गए हैं।

यह कार्रवाई ऐसे समय में सामने आई है जब ट्रंप प्रशासन विदेशी छात्रों और आव्रजन पर सख्त रुख अपनाए हुए है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिष्ठित अमेरिकी विश्वविद्यालयों से जुड़े विदेशी छात्रों को लक्षित किया जा रहा है।

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