मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

H1B Visa Fee Row 1 लाख डॉलर वीजा शुल्क पर अमेरिका में हंगामा, ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर

H1B Visa Fee Row अमेरिका में एच-1बी वीजा आवेदन के लिए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 83 लाख रुपये) शुल्क तय करने के फैसले ने व्यापक विवाद खड़ा कर दिया है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, धार्मिक संगठनों, विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और अन्य...
सांकेतिक फोटो। iStock
Advertisement

H1B Visa Fee Row अमेरिका में एच-1बी वीजा आवेदन के लिए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 83 लाख रुपये) शुल्क तय करने के फैसले ने व्यापक विवाद खड़ा कर दिया है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, धार्मिक संगठनों, विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और अन्य पेशेवर समूहों ने शुक्रवार को सिएटल की संघीय अदालत में इस नीति के खिलाफ मुकदमा दायर किया। उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन पर आरोप लगाया कि यह कदम ‘नवोन्मेष, रोजगार और शिक्षा व्यवस्था पर सीधा हमला’ है।

नियोक्ताओं और संस्थानों में अराजकता : याचिकाकर्ताओं की दलील

सैन फ्रांसिस्को स्थित यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा घोषित यह शुल्क वृद्धि ‘नियोक्ताओं, श्रमिकों और संघीय एजेंसियों के लिए अराजकता’ पैदा कर रही है।

Advertisement

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि एच-1बी वीजा अमेरिकी अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और तकनीकी कंपनियों के लिए वैश्विक प्रतिभाओं को जोड़ने का प्रमुख माध्यम है। डेमोक्रेसी फॉरवर्ड फाउंडेशन ने कहा कि यह शुल्क ‘नवाचार और रोजगार, दोनों पर प्रतिकूल असर’ डालेगा।

‘अस्पतालों में स्टाफ की कमी, विश्वविद्यालयों में शिक्षक नहीं’

‘डेमोक्रेसी फॉरवर्ड फाउंडेशन’ और ‘जस्टिस एक्शन सेंटर’ की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि अदालत से राहत नहीं मिलने पर अस्पतालों को चिकित्सा कर्मचारियों की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा, गिरजाघरों को पादरियों की कमी होगी, विश्वविद्यालयों में योग्य शिक्षकों का अभाव रहेगा और उद्योगों को प्रमुख नवोन्मेषकों को खोने का जोखिम उठाना पड़ेगा। संगठनों ने अदालत से इस आदेश पर तत्काल रोक लगाने की अपील की है।

अमेरिकी नौकरियों की रक्षा जरूरी : सरकार का पक्ष

वहीं, ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह नीति अमेरिकी नागरिकों के रोजगार अवसरों को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से बनाई गई है।

सरकार का तर्क है कि वर्षों से एच-1बी वीजा का दुरुपयोग कर विदेशी श्रमिकों को कम वेतन पर काम पर रखा जा रहा था, जिससे अमेरिकी श्रमिकों को नुकसान पहुंचा।

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी ऊंची फीस केवल बड़ी कंपनियों के हित में है और यह छोटे संस्थानों, अस्पतालों तथा स्टार्टअप्स के लिए ‘‘दरवाजे बंद’’ कर देगी।

न्यायालय से राहत की उम्मीद

मुकदमे में अदालत से इस नीति पर तुरंत स्थगन आदेश (Stay Order) जारी करने की मांग की गई है।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यदि यह नीति लागू होती है, तो ‘‘अमेरिका की प्रतिभा-आधारित अर्थव्यवस्था’’ कमजोर हो जाएगी और अनेक संस्थानों की संचालन क्षमता पर सीधा असर पड़ेगा।

 

 

Advertisement
Tags :
Donald TrumpEmploymentH1B visaImmigrationinnovationLawsuitSeattleUSAअमेरिकाएच-1बी वीजाडोनाल्ड ट्रंपनवाचारमुकदमा,रोजगारवीजा शुल्कसिएटल
Show comments