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US China Tariff Row: लागू हुए न शुल्क, चीन की धमकी के बाद ट्रंप की 104% टैरिफ लगाने की चेतावनी

US China Tariff Row: ट्रंप ने दो अप्रैल को शुल्क के नवीनतम दौर की घोषणा की थी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फाइल फोटो। रॉयटर्स
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वाशिंगटन, 9 अप्रैल (एपी)

US China Tariff Row: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की नई शुल्क दरें बुधवार मध्यरात्रि के बाद पूरी तरह लागू हो गईं। ट्रंप ने दो अप्रैल को शुल्क के नवीनतम दौर की घोषणा की थी।

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उन्होंने कहा था कि अमेरिका अब अपने करीब सभी व्यापारिक साझेदारों पर न्यूनतम 10 प्रतिशत शुल्क लगाएगा। साथ ही उन देशों पर अधिक कठोर दरें लागू होंगी जिनके बारे में उनका कहना है कि वे अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष रखते हैं।

शनिवार से 10 प्रतिशत की मूल दरें लागू हो गईं थी। इसके बाद कई देशों और क्षेत्रों पर अमेरिका की उच्च आयात शुल्क दरें आधी रात से लागू हुईं। सबसे अधिक 50 प्रतिशत का शुल्क उन छोटी अर्थव्यवस्थाओं पर लागू होता है जो अमेरिका के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं। इसमें अफ्रीकी शहर लेसोथो भी शामिल है।

वहीं मेडागास्कर से आयात पर 47 प्रतिशत, वियतनाम पर 46 प्रतिशत, ताइवान पर 32 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया पर 25 प्रतिशत, जापान पर 24 प्रतिशत और यूरोपीय संघ पर 20 प्रतिशत शुल्क दर शामिल है। इनमें से कुछ नए शुल्क पिछले व्यापार उपायों पर आधारित हैं।

मिसाल के तौर पर ट्रंप ने पिछले सप्ताह चीन पर 34 प्रतिशत शुल्क की घोषणा की थी, जो इस वर्ष की शुरुआत में देश पर लगाए गए 20 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त होगा। ट्रंप प्रशासन ने चीन के पलटवार के बाद से चीनी वस्तुओं पर 50 प्रतिशत का शुल्क और लगाने की धमकी दी है। ऐसी स्थिति में चीन पर कुल मिलाकर 104 प्रतिशत शुल्क लगेगा।

अमेरिकी रक्षा मंत्री ने चीन को बताया पनामा नहर के लिए खतरा, चीनी दूतावास ने जताया ऐतराज

अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने मंगलवार को कहा कि पनामा नहर को चीन से खतरा है, लेकिन अमेरिका और पनामा मिलकर नहर को सुरक्षित रखेंगे। चीन सरकार ने हेगसेथ के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “नहर के लिए वास्तविक खतरा कौन है? लोग खुद यह तय कर सकते हैं।”

पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो से मुलाकात के बाद बेलबोआ नौसैन्य अड्डे पर आयोजित एक कार्यक्रम में हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका चीन या किसी अन्य देश को नहर के संचालन को खतरे में नहीं डालने देगा। उन्होंने कहा, “इसके लिए, अमेरिका और पनामा ने पिछले दशकों की तुलना में हाल के हफ्तों में अपने रक्षा व सुरक्षा सहयोग को मजबूत बनाने की दिशा में काफी ज्यादा काम किया है।”

उन्होंने कहा, “चीनी कंपनियां नहर क्षेत्र में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर अपना नियंत्रण बनाए हुए हैं। इसकी वजह से चीन को पनामा में निगरानी गतिविधियां करने का अवसर मिला है। इस कारण पनामा और अमेरिका की सुरक्षा खतरे में पड़ने की आशंका है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस ओर ध्यान दिलाया है। यह स्थिति स्वीकार्य नहीं है। ”

हेगसेथ और मुलिनो की मुलाकात के बाद पनामा में स्थित चीनी दूतावास ने अमेरिकी सरकार पर निशाना साधते हुए ‘एक्स' पर एक बयान में कहा कि अमेरिका ने अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए "ब्लैकमेलिंग" का इस्तेमाल किया है।

दूतावास ने कहा, “पनामा किसके साथ व्यापार करता है, यह "पनामा का संप्रभु निर्णय है ... और इसमें हस्तक्षेप करने का अमेरिका को अधिकार नहीं है।” दूतावास ने कहा, “अमेरिका ने चीनी-पनामा सहयोग को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत 'सैद्धांतिक चीनी खतरे' के बारे में सनसनीखेज अभियान चलाया है, जो पूरी तरह से अमेरिका के अपने भू-राजनीतिक हितों में निहित है।”

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