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असहनीय पीड़ा : अयोग्य घोषित की गयीं विनेश, 100 ग्राम में दब गईं अरबों की उम्मीदें

पेरिस से रोहित महाजन भारतीय कुश्ती की पहचान, खेल अधिकारियों की ज्यादतियों के खिलाफ प्रतिरोध का चेहरा, विनेश फोगाट पेरिस से वह पदक लेकर नहीं लौट पाएंगी जिसकी वह हकदार थीं। बुधवार सुबह तकरीबन 8.30 बजे विनेश फोगट को संभवतः...
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अस्पताल में विनेश से मुलाकात करतीं आईओए प्रमुख पीटी उषा। - प्रेट्र
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पेरिस से रोहित महाजन

भारतीय कुश्ती की पहचान, खेल अधिकारियों की ज्यादतियों के खिलाफ प्रतिरोध का चेहरा, विनेश फोगाट पेरिस से वह पदक लेकर नहीं लौट पाएंगी जिसकी वह हकदार थीं। बुधवार सुबह तकरीबन 8.30 बजे विनेश फोगट को संभवतः अपने जीवन की सबसे हृदय विदारक खबर मिली। एक दिन पहले तीन मुकाबलों में शानदार जीत के बाद कम से कम रजत पदक की गारंटी वाली विनेश को 50 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा से अयोग्य घोषित कर दिया गया।

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अयोग्य घोषित किए जाने के इस ऐलान का मतलब हुआ, विनेश के लिए कोई स्वर्ण पदक नहीं। स्वर्ण ही नहीं, विनेश को कोई भी पदक नहीं मिलेगा, क्योंकि उन्हें प्रतियोगिता से ही बाहर कर दिया गया। विनेश को प्रतिबंधित कर दिया गया। उनका नाम अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट के खिलाफ 50 किग्रा के फाइनल से हटा दिया गया। एक दिन पहले तीन मुकाबले जीतने के बाद- जिसमें जापान की विश्व चैंपियन और ओलंपिक 50 किग्रा चैंपियन यूई सुसाकी पर चौंकाने वाली जीत भी शामिल थी, 29 वर्षीय विनेश को बहुत ऊर्जा के साथ रस्सी कूदते हुए देखा गया। एक के बाद एक कुश्ती मुकाबलों में आश्चर्यजनक जीत हासिल कर रही विनेश का वजन एक दिन पहले तक 50 किलोग्राम से कम था, लेकिन दिन भर में करीब 2 किलोग्राम वजन बढ़ गया। इसलिए वह रात में एफिल टावर की छाया में कुश्ती स्थल पर अपना वजन कम करने की भरपूर कोशिश कर रही थी। ऐसा लग रहा था मानो, एक सितारा अपनी संपूर्ण चमक बिखेरने को आतुर है।

राष्ट्रीय कोच वीरेंद्र सिंह दहिया के अनुसार, विनेश वजन कम करने के लिए बेताब हो गईं और आधी रात तक प्रशिक्षण मैट पर अभ्यास करती रहीं; वह अपनी टीम, फिजियो, स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच, निजी कोच वोलर अकोस और अभ्यास साथी के साथ लगभग 11.30 बजे खेल गांव के लिए रवाना हुईं। दहिया ने कहा, 'हमें नहीं पता कि सुबह क्या हुआ। उसका वजन 100 ग्राम से 125 ग्राम के बीच घट-बढ़ रहा था।' वजन कम करने के लिए बेताब विनेश ने सब कुछ आज़माया। मसलन, सौना बाथ, ट्रेडमिल, स्किपिंग, दौड़ना वगैरह-वगैरह। लेकिन इस सबके बावजूद उसका वजन कुछ ग्राम ज्यादा था। इसी बढ़े हुए कुछ और ग्राम वजन को कम करने के लिए उसने बाल कटवा लिए। दूसरे दिन पहलवान को वजन कम करने के लिए 15 मिनट मिलते हैं। विनेश ने हरसंभव कोशिश की, लेकिन 15 मिनट के बाद उसका वजन 100 ग्राम ज्यादा हो गया। भूखी, प्यासी, निर्जलित और हताश विनेश पूरी तरह से टूट चुकी थी।

मंगलवार रात और बुधवार सुबह हुई इस भयावह घटना से अवगत एक सूत्र ने कहा, 'विनेश के शरीर से इतना लिक्विड निकल चुका था कि उसे पसीना आना बंद हो गया। वह निराश थी और उसकी अश्रुधारा बह रही थी।' संकट की यह घड़ी और कठिन होती जा रही थी। 24 घंटे के कठिन प्रयासों और भावनात्मक उतार-चढ़ाव के बाद, विनेश पूरी तरह से निर्जलित हो गईं और उन्हें खेल गांव के चिकित्सा केंद्र में ले जाया गया। मेडिकल टीम के प्रमुख डॉ. दिनशॉ पारदीवाला ने कहा, 'एहतियात के तौर पर, विनेश को निर्जलीकरण से बचाने के लिए आईवी द्रव (ड्रिप के माध्यम से) दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान विनेश के सभी पैरामीटर सामान्य थे, और वह पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर रही थी।' बताया गया कि हालांकि विनेश मानसिक रूप से पूरी तरह से टूट चुकी थीं। कोच दहिया के अनुसार, विनेश व्याकुल थी, लगातार रो रही थीं।

विनेश के निलंबन से कुश्ती समुदाय को एक बड़ा झटका लगा है। लगभग वैसा ही झटका जैसा कि विनेश ने मंगलवार को गत चैंपियन और अजेय सुसाकी को हराकर दिया था। ताजा प्रकरण के बाद क्यूबा की युस्नेलिस गुज़मैन लोपेज़, जिन्हें सेमीफाइनल में विनेश ने हराया था, अपनी किस्मत पर यकीन नहीं कर पा रही थीं। वह फाइनल में जो पहुंच गईं। विनेश की इस त्रासद स्थिति के बाद कुश्ती समुदाय से दया और सहानुभूति की बातें आने लगीं। ग्रीस की कोच सुज़ैन हिल्डरब्रांट ने विनेश के लिए दु:ख जताते हुए कहा कि महिलाओं के लिए वजन कम करना कठिन है।

महिलाओं को छूट पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं

गुआम की मिया लाहनी रामोस एक्विनो ने अपना 53 किलोग्राम वजन कम करने के बाद कहा, 'मैंने सौना सूट और सौना का उपयोग करके बहुत सारा पानी पीकर, एक दिन में 5-7 किलो वजन कम करने की कोशिश की है, इसलिए मैं समझ सकती हूं कि विनेश ने क्या अनुभव किया होगा।' उन्होंने कहा, 'एक महिला के रूप में मुझे कहना होगा कि मासिक धर्म या हार्मोनल मुद्दों के कारण हमारा शरीर भारी हो जाता है। इसलिए मुझे लगता है कि शायद, कुछ छूट, जैसे एक किलोग्राम, कुछ सौ ग्राम- महिलाओं को मिलनी चाहिए।' खेल की नियामक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अध्यक्ष नेनाद लालोविक ने कहा, 'छूट तो बिल्कुल नहीं।' उन्होंने कहा, 'मुझे बहुत दु:ख है कि उसके साथ क्या हुआ। उसका वजन थोड़ा ज़्यादा था, हालांकि मामूली सा। लेकिन नियम तो नियम हैं। हमें नियमों का सम्मान करना चाहिए। खेल नियमों पर आधारित है। अगर हम नियमों से हटते हैं, तो अराजकता फैल जाती है।' दरअसल, लालोविक का मानना है कि नियम तो और सख्त होने चाहिए। क्योंकि पहलवान कम वजन श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए बहुत अधिक परिश्रम कर रहे हैं ताकि वजन कम हो। लंबे समय तक ऐसा करना उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। हम चाहते हैं कि एथलीट अपने प्राकृतिक वजन में प्रतिस्पर्धा करें। क्योंकि बहुत ज्यादा वजन कम करने की लगातार कोशिश उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।' विनेश के ओलंपिक सपनों के लिए, तमाम बातें अब अप्रासंगिक हैं।

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