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अब ट्रंप बोले, भारत-अमेरिका के बीच विशेष संबंध

मोदी ने कहा- उनकी भावनाओं की सराहना करता हूं
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फाइल फोटो। एपी/पीटीआई
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टैरिफ और रूस से तेल खरीद को लेकर भारत से तनातनी के बीच शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर नरम पड़ गये। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं हमेशा (नरेंद्र) मोदी का दोस्त रहूंगा... वह शानदार प्रधानमंत्री हैं, लेकिन इस समय उनके द्वारा किए जा रहे काम मुझे पसंद नहीं आ रहे। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच विशेष संबंध है, चिंता की कोई बात नहीं है। बस कभी-कभी कुछ ऐसे पल आ जाते हैं।' राष्ट्रपति इस प्रश्न का जवाब दे रहे थे कि क्या वह भारत के साथ संबंधों को फिर से सुधारने के लिए तैयार हैं।

ट्रंप के इस बयान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह भारत-अमेरिका संबंधों के सकारात्मक आकलन के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की सराहना करते हैं। मोदी ने कहा, ‘हम राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों को लेकर उनकी सकारात्मक राय की सराहना करते हैं और उसका पूरी तरह से समर्थन करते हैं। भारत और अमेरिका के बीच बहुत सकारात्मक, दूरदर्शी, व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।’

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दोनों नेताओं ने 17 जून को फोन पर हुई बातचीत के बाद पहली बार एक-दूसरे के बारे में बयान दिए हैं। इसे दोनों देशों के रिश्तों में आये तनाव को खत्म करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि वह इस बात से बहुत निराश हैं कि भारत रूस से ‘इतना ज्यादा’ तेल खरीद रहा है। वहीं, ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो ने ‘एक्स’ पर तीखी टिप्पणी करते हुए एक पोस्ट में कहा, ‘भारत रूस से तेल सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए खरीदता है। इस मुनाफे से रूस की संघर्ष क्षमता को ताकत मिलती है। यूक्रेनी और रूसी लोग मारे जा रहे हैं। अमेरिकी करदाता इसकी कीमत चुका रहे हैं।’

यूएन महासभा के उच्च-स्तरीय सत्र में नहीं जाएंगे मोदी

संयुक्त राष्ट्र (एजेंसी) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक उच्च-स्तरीय सत्र में शामिल नहीं होंगे। यहां जारी वक्ताओं की संशोधित अनंतिम सूची से यह जानकारी मिली है। उच्च स्तरीय सत्र 23 से 29 सितंबर तक होगा, जिसमें ब्राजील पारंपरिक रूप से पहला वक्ता होगा, उसके बाद अमेरिका दूसरे स्थान पर होगा। सूची के अनुसार भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर करेंगे। वह 27 सितंबर को सत्र को संबोधित करेंगे। इससे पहले जुलाई में जारी वक्ताओं की अनंतिम सूची में जानकारी दी गई थी कि प्रधानमंत्री मोदी 26 सितंबर को सत्र को संबोधित करेंगे।

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