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रूस से तेल खरीद ट्रंप का भारत को राहत का संकेत

अतिरिक्त टैरिफ पर कहा- शायद मुझे यह लगाना न पड़े
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि रूस से कच्चा तेल खरीदने वाले देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने के अपने कठोर फैसले को वह रोक सकते हैं। ऐसी आशंकाएं थीं कि यदि अमेरिका ने ‘सेकंडरी’ टैरिफ लागू किया तो भारत प्रभावित हो सकता था।

ट्रंप ने कहा, ‘उन्होंने (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने) एक तेल ग्राहक खो दिया, जो भारत है, जो लगभग 40 प्रतिशत तेल का आयात कर रहा था। चीन, बहुत अधिक (आयात) कर रहा है… और अगर मैंने सेकंडरी (अतिरिक्त) प्रतिबंध या टैरिफ लगाया तो यह उनके लिए बहुत विनाशकारी होगा। अगर मुझे यह करना पड़ा, तो मैं करूंगा। शायद मुझे यह करना न पड़े।’

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ट्रंप ने यह बयान पुतिन के साथ एक महत्वपूर्ण शिखर बैठक के लिए अलास्का जाते समय अपने विशेष विमान में एक इंटरव्यू के दौरान दिया। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने बुधवार को कहा था कि यदि शिखर बैठक में ट्रंप और पुतिन के बीच ‘चीजें ठीक नहीं रहीं’, तो रूसी तेल खरीदने की वजह से भारत पर सेकंडरी प्रतिबंध लग सकते हैं।

ट्रंप ने पिछले सप्ताह भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने की घोषणा की थी। इसमें रूस से तेल की खरीद जारी रखने पर जुर्माने के तौर पर लगाया गया 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ भी शामिल है, जिसे 27 अगस्त से लागू करने का ऐलान किया

गया था।

भारत-पाक युद्ध रुकवाने का फिर दावा

ट्रंप ने यह दावा फिर दोहराया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया। पुतिन से मुलाकात के बाद एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘मैंने पांच युद्धों को समाप्त कराने के लिए बातचीत की और वे युद्ध कठिन थे।... भारत और पाकिस्तान को देखिए। वे हवाई जहाज गिरा रहे थे और शायद यह परमाणु हथियार तक पहुंचता....।’

यूक्रेन युद्ध पर पुतिन से मुलाकात में नहीं बनी बात

अलास्का (एजेंसी) : यूक्रेन-रूस युद्ध समाप्त कराने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई बातचीत बेनतीजा रही। दोनों नेताओं के बीच कुछ अहम मुद्दों पर सहमति नहीं बन सकी। हालांकि, पुतिन ने बैठक के बाद दावा किया कि यूक्रेन को लेकर ‘सहमति’ बनी है। इसके साथ ही उन्होंने यूरोप को चेतावनी दी कि वह प्रगति में कोई बाधा नहीं डाले। वहीं, ट्रंप ने कहा कि जब तक कोई समझौता नहीं हो जाता तब तक कुछ भी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता। इस अहम मुलाकात के बाद ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की। जेलेंस्की सोमवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात करेंगे। ट्रंप ने ज्वाइंट बेस एल्मेंडोर्फ-रिचर्डसन में ‘रेड कार्पेट’ पर पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया। बैठक के बाद ट्रंप ने कहा, ‘हमारी बैठक बेहद फलदायी रही, कई मुद्दों पर सहमति बनी है, कुछ बचे हैं।’ पुतिन ने कहा कि रूस और अमेरिका को पुराना अध्याय बंद करना चाहिए और सहयोग के रास्ते पर बढ़ना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि आज की सहमति न केवल यूक्रेन की समस्या के समाधान के लिए एक संदर्भ बिंदु बनेंगी, बल्कि रूस और अमेरिका के बीच व्यापारिक, व्यावहारिक संबंधों की बहाली की शुरुआत भी करेगी। लगभग ढाई घंटे तक चली बैठक में किसी ठोस निर्णय तक न पहुंचने के बावजूद ट्रंप ने पुतिन का आभार व्यक्त किया और कहा, ‘हम आपसे बहुत जल्द बात करेंगे और संभवतः आपसे फिर बहुत जल्द मिलेंगे।’ जब पुतिन ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘अगली बार मॉस्को में’ तो ट्रंप ने कहा, ‘यह दिलचस्प बात है।’ बाद में ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध समाप्त करने का सबसे अच्छा तरीका सीधे शांति समझौता करना है, न कि केवल युद्धविराम समझौता, जो अक्सर टिक नहीं पाता।’

भारत ने वार्ता का किया स्वागत

नयी दिल्ली (एजेंसी) : भारत ने ट्रंप और पुतिन के बीच अलास्का में हुई शिखर वार्ता का स्वागत किया। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शांति की दिशा में उनका नेतृत्व अत्यंत सराहनीय है। विश्व, यूक्रेन में संघर्ष का शीघ्र अंत देखना चाहता है।

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