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Trade Tariff: अमेरिका ने कहा- भारत के पास मोटर वाहन शुल्क पर जवाबी कार्रवाई का कोई आधार नहीं

Trade Tariff: भारत ने इसे विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के अधीन ‘‘सुरक्षा उपाय'' बताया था
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Trade Tariff: अमेरिका ने कहा है कि भारत के पास मोटर वाहन व उसके घटकों पर लगाए गए अमेरिकी शुल्क के विरुद्ध जवाबी शुल्क लगाने का कोई आधार नहीं है। अमेरिका ने भारत के उस दावे को खारिज कर दिया कि ये शुल्क विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के अधीन ‘‘सुरक्षा उपाय'' हैं।

भारत ने इन शुल्क को विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के अधीन ‘‘सुरक्षा उपाय'' बताया है जबकि अमेरिका लगातार इस बात पर जोर दे रहा है कि यह राष्ट्रीय हित में उठाया कदम है। अमेरिका ने कहा है कि इस आधार पर भारत के पास इन शुल्क के विरुद्ध जवाबी शुल्क लगाने का कोई आधार नहीं है।

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भारत का कहना है कि वह मोटर वाहन व उसके घटकों पर अमेरिकी शुल्क (25 प्रतिशत) के विरुद्ध जवाबी शुल्क लगाने का अधिकार सुरक्षित रखता है और ये शुल्क ‘‘सुरक्षा उपाय'' हैं जो उसके घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

इसके जवाब में अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन को सूचित किया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन वस्तुओं के आयात को समायोजित करने के लिए ये शुल्क लगाए हैं, क्योंकि इनसे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।

WTO के दिनांक 17 जुलाई के एक संदेश में कहा गया, ‘‘ यह कार्रवाई... सुरक्षा उपाय नहीं हैं। तदनुसार, इन उपायों के संबंध में सुरक्षा समझौते के तहत रियायतों या अन्य दायित्वों को निलंबित करने के भारत के प्रस्ताव का कोई आधार नहीं है।''

इस संदेश को अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के अनुरोध पर जारी किया गया था। अमेरिका ने यह भी कहा कि भारत ने विश्व व्यापार संगठन के सुरक्षा उपायों पर समझौते के तहत दायित्वों का पालन नहीं किया है। इसमें कहा गया है, ‘‘ अमेरिका समझौते के तहत धारा 232 पर चर्चा नहीं करेगा, क्योंकि हम शुल्क को सुरक्षा उपाय के रूप में नहीं देखते हैं।''

भारत के इस्पात व एल्युमीनियम पर अमेरिकी शुल्क को विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत सुरक्षा उपाय बताने के दावे को खाारिज करने के लिए भी इसी प्रकार का एक संदेश प्रसारित किया गया। भारत द्वारा अधिसूचित रियायतों के प्रस्तावित निलंबन को अमेरिका के चुनिंदा उत्पादों पर शुल्क में वृद्धि के रूप में लिया जा सकता है।

हालांकि भारत ने अभी तक इन वस्तुओं का खुलासा नहीं किया है, लेकिन 2019 में इसी तरह के एक कदम में उसने बादाम और सेब से लेकर रसायनों तक 28 अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाया था। इस महीने की शुरुआत में भारत ने सुरक्षा उपायों के नाम पर देश के मोटर वाहन घटकों के आयात पर अमेरिकी शुल्क के विरोध में अमेरिका के खिलाफ जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव भी रखा था।

अमेरिका ने पहली बार 12 मार्च को एल्युमीनियम, इस्पात और उससे बनी वस्तुओं के आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया था। फिर तीन जून को इन्हें बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया था।

एक अधिकारी ने बताया कि भारत द्वारा अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने का निर्णय विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत एक प्रक्रियागत कदम है और इससे दोनों देशों के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर जारी बातचीत प्रभावित नहीं होगी। प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर पांचवें दौर की वार्ता के लिए भारतीय टीम फिलहाल वॉशिंगटन में है।

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