भारत-चीन संबंधों में लगातार प्रगति हुई : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि पिछले 10 महीनों में भारत-चीन संबंधों में एक-दूसरे के हितों और संवेदनशीलता के सम्मान के साथ लगातार प्रगति हुई है। मोदी ने यह बात चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कही।
प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष अक्तूबर में रूसी शहर कज़ान में एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई अपनी वार्ता का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘विदेश मंत्री वांग यी से मिलकर खुशी हुई। पिछले वर्ष कज़ान में राष्ट्रपति शी के साथ मेरी मुलाकात के बाद से भारत-चीन संबंधों में एक-दूसरे के हितों और संवेदनशीलता के सम्मान के साथ निरंतर प्रगति हुई है।’
एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए चीन जाएंगे पीएम : डोभाल
एनएसए अजित डोभाल ने मंगलवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ वार्ता के दौरान कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे। सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के दौरान अपने संबोधन में डोभाल ने भारत-चीन संबंधों में नयी ऊर्जा और गति के साथ-साथ सीमा पर शांति के महत्व को भी रेखांकित किया। डोभाल ने कहा कि सीमा पर शांति और सौहार्द बना हुआ है। उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध अब और प्रगाढ़ हुए हैं।’
भारत-चीन संबंधों में दिख रहा सकारात्मक रुझान : वांग
बीजिंग (एजेंसी) : चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि भारत-चीन संबंध सहयोग की ओर लौटने की दिशा में सकारात्मक रुझान दिख रहे हैं। दोनों देशों को एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं, बल्कि साझेदार के रूप में देखना चाहिए। आधिकारिक मीडिया ने कहा कि दोनों पक्षों के लिए सही रणनीतिक धारणा रखना, एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी या खतरे के बजाय साझेदार और अवसर के रूप में देखना तथा विकास एवं पुनरुद्धार में बहुमूल्य संसाधनों का निवेश करना अनिवार्य है। अमेरिका की परोक्ष रूप से आलोचना करते हुए वांग ने कहा कि दुनिया बदल रही है और एकतरफा धमकाने की प्रथा बढ़ गई है, जिससे स्थिति तेजी से बदल रही है। इधर, भारत ने कहा कि ताइवान पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
भारत को फर्टिलाइजर और दुर्लभ मृदा खनिजों की आपूर्ति करेगा चीन
चीन ने भारत को उर्वरकों और दुर्लभ मृदा खनिजों की आपूर्ति से जुड़े प्रतिबंधों में ढील देने पर सहमति जताई है। सूत्रों ने बताया कि भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ वार्ता के दौरान यह आश्वासन दिया। एक सूत्र ने कहा, ‘वांग ने जयशंकर को आश्वासन दिया कि भारत की उर्वरकों, दुर्लभ मृदा खनिजों और सुरंग खोदने वाली मशीनों की जरूरतों को चीन पूरा करेगा।’ हालांकि, इस दोनों पक्षों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। दुर्लभ मृदा खनिजों को उच्च-स्तरीय तकनीकी उत्पादों, जैसे इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), ड्रोन और बैटरी स्टोरेज के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। भारत अपनी आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए दुर्लभ मृदा खनिजों की निरंतर आपूर्ति की उम्मीद कर रहा है।