वक्फ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश रखा सुरक्षित
केंद्र ने इस अधिनियम का समर्थन करते हुए कहा कि वक्फ अपनी प्रकृति से ही एक धर्मनिरपेक्ष अवधारणा है और संवैधानिकता की धारणा के इसके पक्ष में होने के मद्देनजर इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती। संशोधित वक्फ कानून का विरोध करने वालों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस कानून को ऐतिहासिक कानूनी और संवैधानिक सिद्धांतों से पूर्ण विचलन तथा गैर-न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से वक्फ पर कब्जा करने का जरिया बताया। सिब्बल ने कहा, यह वक्फ संपत्तियों पर सुनियोजित तरीके से कब्जा करने का मामला है। सरकार यह तय नहीं कर सकती कि कौन से मुद्दे उठाए जा सकते हैं।
मौजूदा स्तर पर याचिकाकर्ताओं ने तीन प्रमुख मुद्दों पर अंतरिम आदेश पारित करने का अनुरोध किया है। इनमें से पहला मुद्दा अदालतों द्वारा वक्फ, वक्फ बाई यूजर या वक्फ बाई डीड घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने की शक्ति से जुड़ा हुआ है। दूसरा मुद्दा राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना से संबंधित है। तीसरा मुद्दा उस प्रावधान से जुड़ा है, जिसमें कहा गया है कि जब कलेक्टर यह पता लगाने के लिए जांच करते हैं कि संपत्ति सरकारी भूमि है या नहीं, तो वक्फ संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा।