Sukhbeer Badal: सुखबीर बादल को श्री अकाल तख्त से सजा, शौचालय की सफाई के अलावा लंगर सेवा भी करेंगे
गुरतेज सिंह प्यासा/निस, संगरूर, 2 दिसंबर
Sukhbir Badal: अकाली दल सरकार में सुखबीर बादल और उनके मंत्रियों द्वारा की गई गलतियों को स्वीकार करने के बाद, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सजा की घोषणा की और कहा कि वह शौचालय की सफाई के अलावा एक घंटे तक लंगर की सेवा करेंगे। सभी दोषी गले में तख्ती डाल कर सजा काटेंगे।
सुखबीर के पैर में प्लास्टर होने के कारण उन्हें मुख्य द्वार पर एक घंटे की सेवा, झाड़ू के साथ व्हील चेयर पर बैठकर हाथ में बरछा पकड़ कर बैठेंगे और फिर लंगर के बर्तन धोने का समय दिया गया है। दो दिन श्री हरमंदिर साहब और दो दिन तख्त दमदमा साहब सेवा करेंगे।
मरहूम प्रकाश सिंह बादल से फख्र-ए-कौम की उपाधि वापस लेने का ऐलान किया है। इसके अलावा डेरा प्रमुख की माफी के लिए विज्ञापन राशि 90 लाख रुपये ब्याज समेत अकाउंट ब्रांच में जमा कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। यह राशि सुखबीर सिंह बादल, सुखदेव सिंह ढींडसा और गुलज़ार सिंह रहीकि से वसूल की जाएगी।
आदेश दिया गया कि सुखबीर सिंह बादल और अन्य सभी के अस्तीफे मंजूर कर रिपोर्ट अकाल तख्त सिचालय को भेजी जाए। साथ में आदेश दिया गया कि छह महीने में पार्टी अध्यक्ष का चुनाव नियम अनुसार कराया जाए। सभी नेताओं को आदेश जारी किया गया कि वे एक दूसरे पर टिप्पणी ना करें। विरसा सिंह वलटोहा को भी आदेश दिया गया कि वे ब्यान बाजी बंद करें।
शिरोमणि अकाली दल मामले को लेकर अकाल तख्त पर पंज सिंह साहिबों ने फैसला सुनाने की प्रक्रिया शुरू करते हुए जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब का सम्मान हमेशा बरकरार है। ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर बादल से सवाल पूछना शुरू किया, जिसका जवाब उन्हें हां या ना में देने को कहा गया। सुखबीर बादल ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हमसे कई गलतियां हुई हैं।
सुखबीर बादल से राम रहीम को माफ करने के बारे में भी पूछा गया, जिस पर उन्होंने अपना जवाब ज्ञानी रघबीर सिंह के सामने रखा और इस अपराध को भी कबूल किया। सुखबीर बादल ने बरगाड़ी गोलीकांड का गुनाह भी कबूल कर लिया। सुखबीर सिंह बादल ने माना कि जब वह सरकार में थे तो उन्होंने महाराज के दोषियों, युवाओं को लेकर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया और यह उनकी गलती है।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आरोपी पुलिस अधिकारियों को भी उनकी सरकार ने पदोन्नत किया था और परिवार के सदस्यों को पार्टी में पद और टिकट दिए थे।सुखबीर सिंह बादल ने स्वीकार किया कि उन्होंने डेरा सिरसा प्रमुख से माफ़ी मांगने के लिए जत्थेदारों को चंडीगढ़ कोठी में बुलाया था और उन पर माफ़ी मांगने के लिए दबाव डाला था। बादल ने स्वीकार किया कि उन्होंने डेरा सिरसा प्रमुख के मामले में प्रेस रिपोर्ट के लिए शिरोमणि कमेटी पर दबाव डाला और गोलक का दुरुपयोग किया।
बुर्ज जवाहर सिंह वाला में चोरी हुई पवित्र छवि और विज्ञापन के बाद श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी एक निंदक सरकार के रूप में विफल रहे और कोटकपुरा और बहबल कलां में धरने देकर न्याय के लिए बैठी संगतों पर पुलिस बल का दुरुपयोग किया गया। उस दौरान दो जवान शहीद हुए, यह भी उनकी सरकार की गलती है।
प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि उन्होंने डेरा प्रमुख की माफी को लेकर अखबार में बयान नहीं दिया। यह बयान ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पढ़ कर सुनाया। सुच्चा सिंह लंगाह ने कहा कि तत्कालीन सरकार के सभी वजीर अपराधी हैं और सभी को समान सजा मिलनी चाहिए।
बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि डेरा प्रमुख को माफी देने का मामला किसी भी कैबिनेट मीटिंग में नहीं आया। मैं सरकार का हिस्सा था इसलिए अपनी गलती मानता हूं। बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि हम स्वीकार करते हैं कि सरकार से गलतियां हुई हैं। मेरे घर पर डेरा प्रमुख की कोई क्षमा याचना बैठक नहीं हुई, जिसमें सभी ने अपनी गलती मानी।