Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

जर्जर इमारतों में पढ़ाई, बच्चों की जिंदगी दांव पर, आयोग ने लिया संज्ञान

आठ सप्ताह में मांगी विस्तृत रिपोर्ट, 30 अक्तूबर को फिर सुनवाई
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

बरसात के मौसम में जहां बच्चे खेलने के सपने देखते हैं, वहीं हिसार ज़िले के 27 सरकारी स्कूलों के मासूम, टपकती छतों और झड़ती दीवारों के बीच किताबें थामे अपनी ज़िंदगी के साथ पढ़ाई कर रहे हैं। हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने इस भयावह हालात पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा -'यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि बच्चों के जीवन के साथ जुआ है।’

मंगाली गांव का सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। 22 कमरे गिरने के खतरे के कारण सील हो चुके हैं और 480 बच्चे खुले बरामदों में पढ़ाई को मजबूर हैं। डोभी में तो सभी 24 कमरे जर्जर हैं। बच्चों को लाइब्रेरी और लैब में ठूंसकर पढ़ाया जा रहा है। बच्चों का कहना है कि बरसात में पानी टपकता है, सांप का डर भी रहता है। लेकिन फिर भी पढ़ना है तो मजबूरी में इसी हालात में स्कूल जाते हैं।

Advertisement

हरियाणा राज्न मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस (सेवानिवृत्त) ललित बत्रा और सदस्यों कुलदीप जैन व दीप भाटिया ने अपने आदेशों में इसे अनुच्छेद 21 और 21ए (जीवन व शिक्षा का अधिकार) के उल्लंघन के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार संधि और मानवाधिकार सार्वभौमिक घोषणा का भी सीधा हनन माना है। पिछले दिनों राजस्थान के जैसलमेर में स्कूल गेट गिरने से सात वर्षीय बच्चे की मौत और झालावाड़ में स्कूल भवन गिरने से 7 बच्चों की मौत का भी जिक्र आदेशों में कहा है।

आयोग ने सरकार को चेताते हुए कहा कि ऐसे हादसे हरियाणा में न हों, इसके लिए अभी कार्रवाई जरूरी है। आयोग ने आठ सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 30 अक्तूबर को होगी। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, सेकेंडरी स्कूल एजुकेशन के महानिदेशक, हिसार के जिला उपायुक्त और जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किया है। उन्हें हर भवन की स्थिति, सुरक्षा इंतज़ाम, वैकल्पिक पढ़ाई व्यवस्था, पुनर्निर्माण का टाइमलाइन व बजट, प्रभावित बच्चों का डेटा और देरी के कारणों पर रिपोर्ट तलब की है।

खतरनाक सूची में ये स्कूल शामिल

गांव                              स्कूल की स्थिति

धांसू                              पूरा भवन असुरक्षित

डोभी                             24 कमरे

मंगाली                          22 कमरे

राजली                         16 कमरे

धनी मोहब्बतपुर          12 कमरे

सिसर खरबाला             11 कमरे

बास                              10 कमरे

आर्य नगर                      10 कमरे

सिसवाला                       8 कमरे

(नोट : अन्य स्कूलों में 2 से 5 कमरों को असुरक्षित माना गया है)

Advertisement
×