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छात्र पहले कक्षाओं में जाएं, फिर होगी केस की सुनवाई

पीयू में प्रदर्शन पर हाईकोर्ट की फटकार, कहा...
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एक ओर पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा ने आंदोलन को और तेज करने की रूपरेखा तैयार की है, वहीं पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले में कड़ी फटकार लगाते हुए छात्रों को धरना खत्म कर कक्षाओं में जाने को कहा है। पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव को लेकर शुक्रवार को हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाते हुए निर्देश दिये कि पहले छात्र कक्षाओं में जायें और क्लास अटैंड करें। फिर सात दिन के बाद कोर्ट आयें तो ही इस मामले को सुना जा सकता है। जस्टिस शील नागू ने पूछा कि शिक्षण संस्था में दाखिला लेने का प्राथमिक उद्देश्य पढ़ाई करना है या राजनीति का अखाड़ा बनाना है। उन्होंने कहा कि ज्ञान हासिल करने के लिये छात्रों के अभिभावक अपने बच्चों को यहां भेजते हैं। उन्होंने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि आप एकेडमिक बॉडी की बात कर रहे हैं या फिर पॉलिटिकल बॉडी की? उन्होंने कहा कि छात्र आंदोलन से पीयू कैंपस का माहौल खराब हो रहा है, पढ़ाई प्रभावित हो रही है।पूर्व सीनेटर हरप्रीत दुआ और नरेश गौड़ ने आवेदन दायर कर विश्वविद्यालय को तुरंत चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के निर्देश देने की मांग की थी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को है।

दूसरी ओर, पंजाब विश्वविद्यालय बचाओ मोर्चा 13वें दिन भी जारी रहा। मोर्चा के नेता संदीप ने कहा कि 18 तारीख से हो रहे एग्जाम नहीं होने दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि 20 नवंबर को कैंपस में किसान-मजदूर, दलित संगठनों, मुलाजिमों और अन्य संगठनों के साथ इनपुट लेने के लिये एक बैठक की जायेगी। 26 से 30 नवंबर के बीच किसी दिन सभी जत्थेबंदियों को बुलाकर एक सियासी कान्फ्रेंस की जायेगी, जिसमें डेमोक्रेटिक और फेडरलिज्म पर चर्चा होगी और धरने को आगे कैसे बढ़ाया जाये, इस पर भी विचार होगा।

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