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आईपीएस पूरन आत्महत्या मामला में एसआईटी ने शुरू की जांच

रोहतक में गनमैन के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर मांगी रिपोर्ट

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हरियाणा के आईपीएस वाई पूरन की आत्महत्या के मामले में चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। एसआईटी ने सुसाइड नोट की जांच के साथ ही हरियाणा पुलिस को पत्र लिखकर पूरन के गनमैन के विरुद्ध दर्ज एफआईआर व अब तक हुई कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी है। रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 319 में एसआईटी इस बात की जांच करेगी कि क्या यह एफआईआर उस जातिगत उत्पीड़न की शृंखला का हिस्सा थी, जिसका जिक्र पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में किया था। उनकी पत्नी, अमनीत ने आरोप लगाया है कि हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर के कहने पर ही यह साजिश रची गई थी, जिससे उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा सके। रोहतक पुलिस से रिकार्ड मिलने के बाद इस मामले में एसआईटी द्वारा तत्कालीन एसपी नरेंद्र बिजरानिया को भी जांच में शामिल किया जा सकता है। गनमैन सुशील पर रोहतक के अर्बन एस्टेट पुलिस थाने में 6 अक्तूबर को मामला दर्ज किया गया था। सुशील यमुनानगर का रहने वाला है। रोहतक के एक शराब कारोबारी ने आरोप लगाया कि पूरन के कहने पर सुशील ने उससे ढाई लाख रुपये की रिश्वत मांगी। कारोबारी ने इससे जुड़ी ऑडियो भी रोहतक पुलिस को सौंपी है। रोहतक के तत्कालीन एसपी नरेंद्र बिजराणिया ने कहा था कि सुशील ने पूछताछ में पूरन कुमार के नाम पर रिश्वत लेने की बात कही।

एफआईआर में जोड़ी उम्रकैद तक सजा की धारा

चंडीगढ़ पुलिस ने आईपीएस पूरन केस में दर्ज एफआईआर में एससी/एसटी एक्ट की धारा बदल दी है। एसएसपी कंवरदीप कौर ने रविवार सुबह वाई पूरन की पत्नी अमनीत से मुलाकात की। केस की जांच कर रहे आईजी आईजी पुष्पेंद्र कुमार ने नयी धारा जोड़ने की पुष्टि की है। चंडीगढ़ पुलिस ने पहले एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(आर) की जगह धारा 3(2)(5) लगा दी है। इसमें उम्रकैद की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। पहले लगाई गई धारा 3(1)(आर) में अधिकतम 5 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान था। 10 अक्तूबर को अमनीत ने एसएसपी को पत्र लिखकर धारा में बदलाव की मांग की थी।

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