Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

एक साथ जली सात चिताएं

पंचकूला में कर्ज से परेशान परिवार ने दी जान
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
मृतक प्रवीण मित्तल का परिवार। -फाइल फोटो
Advertisement
पंचकूला, 27 मई (हप्र)पंचकूला के सेक्टर-27 में सोमवार देर रात कर्ज से परेशान एक परिवार के सात लोगों ने कार में जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद मनीमाजरा के श्मशान घाट में उनका एकसाथ अंतिम संस्कार किया गया।

पुलिस ने बताया कि परिवार पंचकूला के सकेतड़ी में किराये के मकान में रह रहा था। मरने वालों में प्रवीण मित्तल, उनकी पत्नी रीना, मां विमला, पिता देशराज, जुड़वा बेटियां हिमशिखा, दलिशा (11) और बेटा हार्दिक (14) शामिल हैं।

Advertisement

बताया गया कि प्रवीण ने देहरादून में टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार शुरू किया था, जिसमें उसे घाटा हो गया था। कार से प्रवीण का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने बैंकरप्ट होने का जिक्र किया है। सुसाइड नोट में जिन लोगों का जिक्र है, पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।

मृतक प्रवीण मित्तल का परिवार। -फाइल फोटो

पुलिस को घटना की जानकारी सेक्टर-27 में मकान नंबर 1204 में रहने वाले हर्ष ने दी थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि सोमवार रात करीब साढ़े 10 बजे उसके मकान मालिक घर के बाहर घूम रहे थे। उन्होंने देखा कि बाहर खड़ी एक कार में एक व्यक्ति होश में था, बाकी सभी बेसुध थे। पूछने पर व्यक्ति ने खुद का नाम प्रवीण मित्तल बताया। कार में सभी ने उलटी की हुई थी। उन्होंने प्रवीण को बाहर निकाला। वह कांप रहा था। प्रवीण ने बताया कि कर्ज के कारण परिवार ने सुसाइड किया है। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने प्रवीण को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

कार में दो पेज का सुसाइड नोट मिला

पुलिस को कार में दो पेज का सुसाइड नोट मिला। उसमें लिखा हुआ था, 'मैं बैंकरप्ट हो चुका हूं। मेरी वजह से ही यह सब कुछ हुआ है। मेरे ससुर को कुछ मत कहना। अंतिम संस्कार समेत जितनी भी रस्में होंगी, वो मामा का लड़का निभाएगा।'

कई ठिकाने बदले

पुलिस के अनुसार, प्रवीण मित्तल का परिवार लगभग 7-8 महीने पहले तक देहरादून के कौलागढ़ में किराये के मकान में रहता था। वह मूल रूप से हिसार के रहने वाले थे। देहरादून के बाद वह कुछ समय खरड़ में रहे, फिर रीना के पिता राकेश के साथ रहने के लिए पिंजौर चले गए। हालांकि, ससुराल वालों के साथ तनाव के चलते फिर मकान बदलना पड़ा और करीब एक महीना पहले सकेतड़ी आ थे। बच्चे चंडीगढ़ में पढ़ रहे थे।

गंभीर सिंह के नाम पर कार

जिस कार में प्रवीण ने अपने परिवार के साथ जहर खाया, वह देहरादून के मालदेवता निवासी गंभीर सिंह नेगी के नाम पर रजिस्टर्ड है। गंभीर सिंह ने बताया कि प्रवीण से उनकी मुलाकात एक एनजीओ के काम के सिलसिले में हुई थी। प्रवीण वाइल्ड लाइफ केयर मिशन नाम से एक एनजीओ चलाते थे। इसी सिलसिले में दोस्ती हो गई थी और गंभीर सिंह ने अपने नाम पर गाड़ी फाइनेंस करवाकर प्रवीण को दी थी।

टीचर बोले- एडमिशन के वक्त तनाव में नहीं दिखे

प्रवीण का बेटा हार्दिक चंडीगढ़ के सेक्टर-28 स्थित सरकारी स्कूल में पढ़ता था। इसी स्कूल के टीचर मुकेश ने बताया कि 28 अप्रैल को हार्दिक का उनके स्कूल में एडमिशन हुआ था। इस दौरान बच्चों के माता-पिता से भी बात हुई थी। वह किसी तरीके से तनाव में नहीं लग रहे थे और हर बात का शांति से जवाब दे रहे थे। बच्चों के साथ उनके माता-पिता भी बहुत सरल लग रहे थे।

कई करोड़ का कर्ज

लुधियाना में रहने वाले प्रवीण के चचेरे भाई संदीप अग्रवाल ने कहा कि वह कई साल से संघर्ष कर रहा था। एक समय पर उसका कर्ज 15 से 20 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। संदीप ने बताया कि प्रवीण ने कभी बद्दी में एक फैक्ट्री चलाई थी, पंचकूला में फ्लैट और गाड़ियां भी थी, लेकिन समय के साथ खत्म हो गया। एक दशक पहले, परिवार पंचकूला से गायब हो गया था। प्रवीण के ससुर राकेश गुप्ता ने बताया कि प्रवीण हिसार के बरवाला का रहने वाला था। उसने बिजनेस के लिए करीब 10 साल पहले एक करोड़ रुपये का लोन लिया था। इसके बाद वह परिवार के साथ देहरादून चला गया। वहां उसने टूर एंड ट्रैवल्स का काम शुरू किया, लेकिन घाटा हो गया। राकेश गुप्ता ने कहा, 'प्रवीण और उसका परिवार दस साल से मेरे संपर्क में नहीं था। कुछ दिन पहले पता चला था कि वह पंचकूला वापस आ गये हैं। बेटी की मैंने मदद भी की। उसे मकान भी लेकर दिया था। किराया भी भर रहा था, आज सुबह 4 बजे पुलिस घर पहुंची तो हमें घटना का पता चला।'

पुलिस की पांच टीमें कर रहीं जांच

पंचकूला पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। डीसीपी क्राइम अमित दहिया ने कहा कि हर संभावित कोण से जांच करने के लिए पांच अलग-अलग पुलिस टीमें बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि इस स्तर पर किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। देहरादून और पिंजौर सहित कई स्थानों पर टीमें भेजी गई हैं, जबकि अन्य स्थानीय स्तर पर सीसीटीवी फुटेज जुटाने, परिवार के बैंक लेन-देन की जांच करने और उनके सोशल मीडिया अकाउंट खंगालने में जुटी हैं। डीसीपी हिमाद्री कौशिक ने कहा कि शुरुआती जांच में जहर खाकर आत्महत्या की बात सामने आई है, लेकिन फोरेंसिक और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पूरी पुष्टि हो पाएगी। उन्होंने बताया कि परिवार के छह सदस्यों को निजी अस्पताल ले जाया गया था, जबकि प्रवीण को सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां सभी को मृत घोषित कर दिया गया।

Advertisement
×