Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

SC ने कहा-  अदालतों से जमानतों के मामलों में 'लंबी तारीखें' देने की अपेक्षा नहीं

Bail petition: कहा- हम उम्मीद करते हैं कि हाई कोर्ट हमारे अनुरोध पर कम से कम कुछ ध्यान देगा
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
सुप्रीम कोर्ट।
Advertisement

नयी दिल्ली, 6 मार्च (भाषा)

Bail petition: सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि अदालतों से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे जमानतों से संबंधित मामलों की लंबी तारीखें दें। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब उन्हें बताया गया कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने चिकित्सा आधार पर अस्थायी जमानत की याचिका पर सुनवाई की तारीख दो महीने बाद निर्धारित की है।

Advertisement

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्होंने इस आधार पर अस्थायी जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि उनके मुवक्किल की दो साल की बेटी को तत्काल सर्जरी की जरूरत है। वकील ने दलील दी कि हाई कोर्ट ने 21 फरवरी को पारित अपने आदेश में मामले की सुनवाई 22 अप्रैल के लिए स्थगित कर दी थी।

पीठ ने कहा, "स्वतंत्रता के मामलों में अदालतों से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे मामले को इतनी लंबी तारीख तक रोके रखें।" साथ ही पीठ ने याचिकाकर्ता को शीघ्र सुनवाई के लिए हाई कोर्ट जाने की अनुमति दे दी।

पीठ ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि वह सुनवाई की तारीख जल्दी की तय कर दे और कम से कम याचिकाकर्ता की बेटी के ऑपरेशन को लेकर चिकित्सा आधार पर अस्थायी जमानत देने के संबंध में मामले की सुनवाई करे।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्होंने हाई कोर्ट में जल्दी सुनवाई के लिए आवेदन दायर कर किया था लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। न्यायमूर्ति गवई ने पूछा, "अब, इस टिप्पणी के साथ, क्या आपको लगता है कि हाई कोर्ट इसे खारिज कर देगा?"

पीठ ने कहा कि यदि वह याचिका पर नोटिस जारी करेगा तो प्रतिवादी जवाब देने के लिए समय मांगेगा और मामले में देरी हो सकती है। शीर्ष अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट में इस मामले पर शीघ्र सुनवाई की जा सकती है। न्यायमूर्ति गवई ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि हाई कोर्ट हमारे अनुरोध पर कम से कम कुछ ध्यान देगा।"

Advertisement
×