Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

तीन राज्यों में बुलडोजर एक्शन संबंधी आदेश की अवमानना वाली याचिका पर SC का सुनवाई से इन्कार

अदालत ने कहा कि वह संपत्तियों के ध्वस्तीकरण से प्रभावित लोगों की सुनवाई करेगी

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
सांकेतिक फाइल फोटो।
Advertisement

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा)

Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया जिसमें उत्तराखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के प्राधिकारियों पर संपत्तियों के ध्वस्तीकरण (बुलडोजर एक्शन) संबंधी उसके आदेश की अवमानना ​​का आरोप लगाया गया था।

Advertisement

न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी के मिश्रा और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह याचिकाकर्ता की याचिका पर विचार करने की इच्छुक नहीं है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कथित कृत्य से जुड़ा नहीं है। पीठ ने कहा, ‘‘हम भानुमती का पिटारा नहीं खोलना चाहते।''

Advertisement

अदालत ने कहा कि वह संपत्तियों के ध्वस्तीकरण से प्रभावित लोगों की सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि हरिद्वार, जयपुर और कानपुर में प्राधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की अवमानना ​​करते हुए संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उसकी अनुमति के बिना ध्वस्तीकरण नहीं किया जाएगा।

शीर्ष अदालत ने इससे पहले कई याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें यह दलील दी गई थी कि कई राज्यों में अपराध के आरोपियों की संपत्तियों सहित अन्य संपत्तियों को ध्वस्त किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर के अपने आदेश में प्राधिकारियों को उसकी इजाजत के बिना आपराधिक मामलों में आरोपियों की संपत्ति समेत अन्य संपत्तियों को एक अक्टूबर तक ध्वस्त नहीं करने का निर्देश था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक वह मामले में निर्णय नहीं करती।

हालांकि उसने स्पष्ट किया था कि उसका आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइन या जलाशयों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर बने अनधिकृत ढांचों पर लागू नहीं होगा।

Advertisement
×