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सेना की नयी ताकत होंगे रुद्र और भैरव

कारगिल विजय दिवस पर सेना प्रमुख ने ‘एकीकृत युद्ध समूहों’ के गठन का किया ऐलान
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शनिवार को द्रास में प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए।-प्रेट्र
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सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने एक महत्वपूर्ण रणनीतिक घटनाक्रम में शनिवार को बहुप्रतीक्षित ‘एकीकृत युद्ध समूहों’ (आईबीजी) के गठन की घोषणा की। ‘रुद्र’ नामक इन समूहों में पैदल सेना, मशीनीकृत पैदल सेना, बख्तरबंद इकाइयां, तोपखाने, विशेष बल और मानवरहित हवाई प्रणालियों जैसे विभिन्न लड़ाकू घटकों का एकीकरण होगा। सैन्य संरचना में यह एक बड़ा बदलाव है।

जनरल द्विवेदी ने कारगिल विजय दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि आईबीजी का गठन किया जा रहा है, जो साजो-सामान और युद्ध संबंधी सहायता प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि सेना ने एक विशेष बल ‘भैरव लाइट कमांडो’ इकाई का भी गठन किया है, जो सीमा पर दुश्मन को चौंकाने के लिए हमेशा तैयार है। सेना प्रमुख ने कहा, ‘हर पैदल बटालियन में अब एक ड्रोन पलटन है। तोपखाने में ‘शक्तिबाण रेजिमेंट’ का गठन किया गया है, जो ड्रोन, ड्रोन रोधी उपकरणों और आत्मघाती ड्रोन से लैस होगी।’ उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में सेना की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी, क्योंकि वायु रक्षा प्रणालियों को स्वदेशी मिसाइलों से लैस किया जा रहा है।

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सेना के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा, ‘बर्फीली चोटियों पर वीरों द्वारा दिए गए बलिदान के कारण ही राष्ट्र सुरक्षित है। हम उनके समर्पण एवं दृढ़ संकल्प को याद करते हैं। उन वीर नायकों को नमन करते हैं, जिन्होंने इसलिए अपने प्राणों की आहुति दी ताकि हम सम्मान के साथ शांतिपूर्ण जीवन जी सकें।’

ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश

सेना प्रमुख द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किए गये हमलों ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद के समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान के लिए एक संदेश था और साथ ही पहलगाम आतंकवादी हमले का जवाब भी था। इस बार भारत ने न केवल शोक व्यक्त किया, बल्कि यह भी दिखाया कि जवाब निर्णायक होगा।’

सेना प्रमुख ने कारगिल विजय दिवस पर एक पोर्टल लॉन्च किया, जिसके जरिये लोग शहीदों को ‘ई-श्रद्धांजलि’ दे सकते हैं। क्यूआर कोड आधारित एक ‘ऑडियो गेटवे’ भी शुरू किया गया, जिस पर कारगिल युद्ध से जुड़ी वीर गाथाएं सुनी जा सकती हैं। इसके अलावा ‘इंडस व्यूप्वाइंट’ ऐप लॉन्च किया गया, जो लोगों को बटालिक सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) तक आभासी तरीके से जाने का मौका मुहैया कराता है।

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