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Royal Train UK शाही रेल की अंतिम यात्रा तय: ब्रिटेन की 156 साल पुरानी ‘रॉयल ट्रेन’ अब इतिहास बनेगी

लंदन, 1 जुलाई (एजेंसी) ब्रिटेन की शाही विरासत से जुड़ी एक प्रतिष्ठित परंपरा अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। महाराजा चार्ल्स तृतीय ने 156 साल पुरानी ‘रॉयल ट्रेन’ सेवा को बंद करने की औपचारिक स्वीकृति दे दी है। यह वही...
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लंदन, 1 जुलाई (एजेंसी)

ब्रिटेन की शाही विरासत से जुड़ी एक प्रतिष्ठित परंपरा अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। महाराजा चार्ल्स तृतीय ने 156 साल पुरानी ‘रॉयल ट्रेन’ सेवा को बंद करने की औपचारिक स्वीकृति दे दी है। यह वही ट्रेन है, जिसकी पहली सवारी महारानी विक्टोरिया ने 1869 में की थी — और तब से यह शाही दौरों की मूक गवाह रही।

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नौ बोगियों का यह चलता-फिरता शाही सुइट किसी भी व्यावसायिक इंजन से जुड़कर रॉयल फैशन में चलता था। लेकिन अब इसे संभालना ब्रिटेन के लिए बोझ बनता जा रहा है। न सिर्फ रखरखाव पर भारी खर्च हो रहा था, बल्कि आधुनिक रेल प्रणाली में इसे ढालना भी मुश्किल होता जा रहा था।

‘सम्मानपूर्वक विदाई का वक्त आ गया’

शाही महल के वित्तीय मामलों के सचिव जेम्स चाल्मर्स ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा, “अतीत का सम्मान ज़रूरी है, लेकिन भविष्य की ओर कदम बढ़ाना भी उतना ही आवश्यक है। रॉयल ट्रेन को विदाई देना उसी विकास की एक स्वाभाविक कड़ी है, जिसमें शाही कामकाज अब नए स्वरूप ले रहे हैं।”

2027 से पहले सेवा बंद

यह ऐतिहासिक ट्रेन 2027 तक चल सकती थी, लेकिन उससे पहले ही इसे रेल पटरी से हटा दिया जाएगा। उसके बाद यह संभवतः एक संग्रहालय या विरासत स्थल के रूप में सहेजी जा सकती है — हालांकि इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया।

शाही खर्च पर भी नजर

बकिंघम पैलेस के वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में इस फैसले के साथ यह भी बताया गया कि शाही परिवार को लगातार चौथे साल 11.8 करोड़ डॉलर का सार्वजनिक वित्तपोषण मिलेगा। इसमें से 4.38 करोड़ डॉलर की राशि बकिंघम पैलेस के नवीनीकरण में खर्च होगी।

इतिहास को अलविदा कहने की घड़ी

ब्रिटेन की रॉयल ट्रेन सिर्फ एक यात्रा का साधन नहीं थी, वह ब्रिटिश राजशाही की शान और शैली की प्रतीक रही है। अब जब यह पटरी से हटने जा रही है, तो इसके साथ एक युग का अंत भी दर्ज होगा — शाही सादगी और आधुनिक व्यावहारिकता के बीच संतुलन तलाशती राजशाही के संकेत के तौर पर।

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