आरबीआई ने रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर रखा कायम
भारतीय रिजर्व बैंक ने अमेरिकी शुल्क को लेकर अनिश्चितता के बीच बुधवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाले छह-सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आम सहमति से यह निर्णय किया। इसके साथ ही आरबीआई ने मौद्रिक नीति रुख को भी तटस्थ बनाये रखा है। इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक आर्थिक स्थिति के हिसाब से नीतिगत दर में समायोजन को लेकर लचीला बना रहेगा। मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि अच्छी मानसूनी बारिश और आने वाले त्योहारों से अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है, लेकिन वैश्विक व्यापार के मोर्चे पर चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं। मल्होत्रा ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं, नीतिगत दरों में एकबारगी बड़ी कटौती और मुख्य मुद्रास्फीति में वृद्धि के कारण केंद्रीय बैंक ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है।
वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर, महंगाई अनुमान घटाया : आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति के अनुमान को 3.7 प्रतिशत से घटाकर 3.1 प्रतिशत कर दिया है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति के फैसले साझा करते हुए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि सामान्य से बेहतर दक्षिण-पश्चिम मानसून, कम मुद्रास्फीति, क्षमता इस्तेमाल में बढ़ोतरी और अनुकूल वित्तीय स्थितियां घरेलू आर्थिक गतिविधियों को समर्थन दे रही हैं।