Punjab: जो विभाग था ही नहीं उसमें मंत्री रहे धालीवाल, 20 महीने बाद हुआ गलती का अहसास
चंडीगढ़, 22 फरवरी (ट्रिन्यू)
Punjab News: पंजाब की भगवंत मान सरकार को पूरे 20 महीने बाद एहसास हुआ कि जिस विभाग की जिम्मेदारी उसने अपने एक वरिष्ठ मंत्री को सौंपी थी, वह असल में कभी अस्तित्व में था ही नहीं।
सरकार ने अब एक राजपत्र अधिसूचना (गजट नोटिफिकेशन) जारी कर यह स्वीकार किया कि प्रशासनिक सुधार विभाग (Administrative Reforms Department), जिसे मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को सौंपा गया था, वास्तव में मौजूद ही नहीं था। इसके चलते धालीवाल अब केवल एनआरआई मामलों (NRI Affairs) विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे।
राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, “पंजाब के राज्यपाल, मुख्यमंत्री की सलाह पर, 7 फरवरी 2025 से प्रभावी मंत्रिमंडल के विभागों में संशोधन करने की कृपा करते हैं।”
धालीवाल को मार्च 2022 में बनी आम आदमी पार्टी सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भी सौंपा गया था। हालांकि, मई 2023 में हुए कैबिनेट फेरबदल के दौरान उनसे यह विभाग वापस ले लिया गया और उन्हें एनआरआई मामलों व प्रशासनिक सुधार विभाग की जिम्मेदारी दी गई।
सितंबर 2024 में हुए कैबिनेट पुनर्गठन के दौरान भी धालीवाल के पास ये दोनों विभाग बरकरार रखे गए, लेकिन अब सरकार को पता चला कि प्रशासनिक सुधार विभाग कभी अस्तित्व में था ही नहीं।
20 महीने तक क्यों नहीं हुआ खुलासा?
सरकारी सूत्रों के अनुसार, धालीवाल को इस विभाग से जुड़ी कोई भी फाइल नहीं मिली, न ही कोई बैठक आयोजित हुई और न ही कोई विशेष स्टाफ इस विभाग के तहत नियुक्त किया गया। जब इस मुद्दे की गहराई से जांच की गई, तो पाया गया कि यह विभाग कभी अस्तित्व में नहीं था।
धालीवाल की प्रतिक्रिया नहीं, सरकार में हलचल
इस मामले पर प्रतिक्रिया के लिए ‘द ट्रिब्यून’ द्वारा मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल से संपर्क करने की कई कोशिशें की गईं, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। सरकारी गलियारों में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। विपक्ष ने इसे सरकार की प्रशासनिक लापरवाही करार दिया है और सवाल उठाए हैं कि कैबिनेट स्तर पर इतनी बड़ी चूक आखिर कैसे हुई?
पंजाब सरकार में धालीवाल की वरिष्ठता
कुलदीप सिंह धालीवाल मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली कैबिनेट में पांचवें सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं। उनसे वरिष्ठ सिर्फ वित्त मंत्री हरपाल चीमा, नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री अमन अरोड़ा और सामाजिक न्याय मंत्री डॉ. बलजीत कौर हैं।