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PM मोदी ने कहा- अग्निपथ योजना का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना

द्रास (करगिल), 26 जुलाई (भाषा) Agneepath Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना को सेना द्वारा किए गए आवश्यक सुधारों का एक उदाहरण बताया और विपक्ष पर सशस्त्र बलों में औसत आयु वर्ग को युवा रखने के उद्देश्य...
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करगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पीएम मोदी। फोटो पीएम के एक्स अकाउंट से
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द्रास (करगिल), 26 जुलाई (भाषा)

Agneepath Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना को सेना द्वारा किए गए आवश्यक सुधारों का एक उदाहरण बताया और विपक्ष पर सशस्त्र बलों में औसत आयु वर्ग को युवा रखने के उद्देश्य से शुरु की गई इस भर्ती प्रक्रिया पर राजनीति करने का आरोप लगाया।

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मोदी ने करगिल युद्ध में जीत की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर यहां आयोजित करगिल विजय दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि कुछ लोग राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक संवेदनशील मुद्दे पर भी राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि पेंशन के पैसे बचाने के लिए अग्निपथ योजना शुरू की गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना है, अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाकर रखना है।'' उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस तरह के संवेदनशील मुद्दे को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है। कुछ लोग सेना के इस सुधार पर भी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में झूठ की राजनीति कर रहे हैं।''

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना सेना द्वारा किए गए आवश्यक सुधारों का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा, ‘‘दशकों से संसद और विभिन्न समितियों में सशस्त्र बलों को युवा बनाने पर चर्चा होती रही है। भारतीय सैनिकों की औसत आयु वैश्विक औसत से अधिक होना चिंता का विषय रहा है।''

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को कई समितियों में वर्षों तक उठाया गया लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा की इस चुनौती को हल करने की इच्छाशक्ति पहले नहीं दिखाई गई। उन्होंने कहा, ‘‘देश ने अग्निपथ योजना के माध्यम से इस चिंता का समाधान किया है।''

विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ये वही लोग हैं जिन्होंने सेनाओं में हजारों करोड़ के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया। ये वही लोग हैं जो चाहते थे कि वायुसेना को कभी आधुनिक फाइटर जेट ना मिल पाएं। ये वही लोग हैं जिन्होंने तेजस फाइटर प्लेन को भी डिब्बे में बंद करने की तैयारी कर ली थी।''

प्रधानमंत्री ने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि पेंशन के पैसे बचाने के लिए अग्निपथ योजना शुरू की गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए ये योजना लेकर आई। मुझे ऐसे लोगों की सोच पर शर्म आती है लेकिन ऐसे लोगों से पूछा जाना चाहिए, जरा कोई मुझे बताये आज मोदी के शासनकाल में जो भर्ती होगा क्‍या आज ही उसको पेंशन देनी है?''

उन्होंने कहा, ‘‘उसको पेंशन देने की नौबत 30 साल के बाद आएगी। और तब तो मोदी 105 साल का हो गया होगा और तब भी क्‍या मोदी की सरकार होगी? क्‍या मोदी जब 105 साल का होगा? 30 साल के बाद जब पेंशन बनेगी, उसके लिए ये मोदी ऐसा राजनीतिज्ञ है जो आज गाली खाएगा?''

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए दल नहीं बल्कि देश सर्वोपरि है। उन्होंने कहा, ‘‘आज गर्व से कहना चाहता हूं सेनाओं द्वारा लिए गए फैसले का हमने सम्‍मान किया है। हम राजनीति के लिए नहीं राष्‍ट्रनीति के लिए काम करते हैं। हमारे लिए राष्‍ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि है। हमारे लिए 140 करोड़ की शांति, ये सबसे पहले है।''

एक बार फिर विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि जो लोग देश के युवाओं को गुमराह कर रहे हैं, उनका इतिहास साक्षी है कि उन्हें सैनिकों की कोई परवाह नहीं थी। उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने एक मामूली रकम 500 करोड़ रुपए दिखा-दिखाकर ‘वन रैंक, वन पेंशन' पर झूठ बोला था।

उन्होंने कहा, ‘‘ये हमारी सरकार है जिसने वन रैंक, वन पेंशन लागू किया। पूर्व सैनिकों को सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा दिए हैं। कहां 500 करोड़ और कहां सवा लाख करोड़ ! इतना झूठ और देश के जवानों की आंखों में धूल झोंकने का पाप ! ये वही लोग हैं जिन्होंने आजादी के सात दशक बाद भी, सेना की मांग होने के बाद भी, वीर सैनिकों के परिवारों की मांग होने के बाद भी हमारे शहीदों के लिए वॉर मेमोरियल नहीं बनाया, टालते रहे, कमिटियां बनाते रहे, नक्‍शे दिखाते रहे।''

विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने सीमा पर तैनात जवानों को पर्याप्त बुलेटप्रूफ जैकेट्स भी नहीं दी थीं। उन्होंने कहा, ‘‘ये वही लोग हैं जो करगिल विजय दिवस को भी नजरअंदाज करते रहे। ये तो देश की कोटि-कोटि जनता का आशीर्वाद है कि मुझे तीसरी बार सरकार बनाने को मौका मिला और इसलिए आज ये महत्‍वपूर्ण ऐतिहसिक घटना का हम पुन:स्‍मरण कर पा रहे हैं। वरना अगर वही आ जाते तो इस युद्ध विजय की सवारी को याद नहीं करते।''

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