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PM मोदी ने की फ्रांस में Google के CEO सुंदर पिचाई से मुलाकात, ‘भारत में डिजिटल बदलाव' पर हुई चर्चा

PM Modi meets Google CEO: मोदी और पिचाई के बीच आखिरी मुलाकात सितंबर 2024 में न्यूयॉर्क में हुई थी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गूगल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई से मुलाकात की। फोटो X/@sundarpichai
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पेरिस, 12 फरवरी (भाषा)

PM Modi meets Google CEO: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गूगल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने पेरिस में एआई एक्शन समिट के दौरान मुलाकात की और दोनों ने कृत्रिम मेधा (एआई) से भारत में उत्पन्न ‘‘अविश्वसनीय अवसरों'' पर चर्चा की।

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भारतीय मूल के अल्फाबेट इंक के सीईओ ने इस बात पर भी चर्चा की कि किस प्रकार गूगल और भारत, देश में ‘‘डिजिटल बदलाव'' पर मिलकर काम कर सकते हैं।

पिचाई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘ आज पेरिस में एआई एक्शन समिट के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर बहुत अच्छा लगा। हमने एआई द्वारा भारत में लाए जाने वाले अविश्वसनीय अवसरों और भारत के डिजिटल बदलाव पर हम किस तरह मिलकर काम कर सकते हैं, इस पर चर्चा की।''

मोदी और पिचाई के बीच आखिरी मुलाकात सितंबर 2024 में न्यूयॉर्क में हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन समिट' की मंगलवार को सह-अध्यक्षता की थी।

मोदी ने फ्रांसीसी कंपनियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस की कंपनियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनकर असीमित अवसरों पर विचार करें। प्रधानमंत्री ने फ्रांसीसी कंपनियों से कहा कि भारत में निवेश करने का यह ‘‘सही समय'' है।

पेरिस में 14वें ‘भारत-फ्रांस सीईओ फोरम' में मोदी के साथ फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी शामिल हुए। अपने संबोधन में मोदी ने भारत-फ्रांस के बीच बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार व आर्थिक सहयोग और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को इससे मिले प्रोत्साहन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत स्थिर राजनीति और पूर्वानुमानित नीतिगत तंत्र के आधार पर एक पसंदीदा वैश्विक निवेश गंतव्य है।

मोदी ने कहा, ‘‘मैं आप सभी को बता दूं कि भारत आने का यह सही समय है। हर किसी की प्रगति भारत की प्रगति से जुड़ी हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसका एक उदाहरण विमानन क्षेत्र में देखने को मिला, जब भारतीय कंपनियों ने विमानों के लिए बड़े ऑर्डर दिए और अब, जब हम 120 नए हवाई अड्डे खोलने जा रहे हैं, तो आप स्वयं भविष्य की संभावनाओं की कल्पना कर सकते हैं।''

फ्रांसीसी उद्योग जगत को भारत की विकास यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब फ्रांस की कुशलता और भारत का सहयोग एक साथ मिलेंगे, जब भारत की गति और फ्रांस की सटीकता एक साथ आएगी, जब फ्रांस की तकनीक और भारत की प्रतिभा एक साथ आएगी... तब न केवल व्यापार परिदृश्य बदलेगा बल्कि वैश्विक परिवर्तन होगा।''

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत विविधीकरण और जोखिम कम करने का सबसे बड़ा केंद्र बन रहा है, जिसे इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय बजट में पेश किए गए नए सुधारों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत और फ्रांस सिर्फ लोकतांत्रिक मूल्यों से ही नहीं जुड़े हैं। हमारी मित्रता की नींव गहरे विश्वास, नवाचार और जन कल्याण की भावना पर आधारित है। हमारी साझेदारी सिर्फ दो देशों तक सीमित नहीं है। हम वैश्विक समस्याओं और चुनौतियों का समाधान करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। मेरी पिछली यात्रा के दौरान हमने अपनी साझेदारी के लिए ‘2047 रोडमैप' रूपरेखा तैयार की थी। इसके बाद हम हर क्षेत्र में व्यापक तरीके से सहयोग कर रहे हैं।'' उन्होंने एयरोस्पेस, बंदरगाह, रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स, डेयरी, रसायन और उपभोक्ता वस्तुओं जैसे क्षेत्रों की ओर इशारा किया, जहां भारत-फ्रांस सहयोग पहले से ही जारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘आप पिछले दशक में भारत में हुए बदलावों से भली-भांति परिचित हैं। हमने एक स्थिर राजनीति और पूर्वानुमानित नीतियों की मदद से अच्छा माहौल तैयार किया है। सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मार्ग पर चलते हुए आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।''

उन्होंने कहा, ‘‘भारत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत के कुशल व प्रतिभाशाली युवा और नवाचार वैश्विक मंच पर हमारी पहचान है। आज, भारत तेजी से एक पसंदीदा वैश्विक निवेश गंतव्य बन रहा है।''

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा कि ‘भारत-फ्रांस सीईओ फोरम' आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं को सहयोग करते हुए और प्रमुख क्षेत्रों में नए अवसर पैदा करते हुए देखकर खुशी की अनुभूति होती है। इससे विकास, निवेश को बढ़ावा मिलता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित होता है।''

विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार, इस फोरम में दोनों पक्षों की कंपनियों के विविध समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एक साथ आए। इस दौरान रक्षा, एयरोस्पेस, महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे, उन्नत विनिर्माण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जीवन-विज्ञान, कल्याण और जीवन शैली, और खाद्य और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया। फ्रांस के यूरोप और विदेश मामलों के मंत्री जीन नोइल बैरो और फ्रांस के अर्थव्यवस्था, वित्त एवं औद्योगिक तथा डिजिटल संप्रभुता मंत्री एरिक लोम्बार्ड के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी फोरम को संबोधित किया।

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