Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

आईपीएल के नाम पर लोग सट्टेबाजी कर रहे, खेल रहे ऑनलाइन जुआ : शीर्ष कोर्ट

ऑनलाइन ऐप पर नियमन के अनुरोध वाली याचिका पर की टिप्पणी
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement
नयी दिल्ली, 23 मई (एजेंसी)उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नाम पर लोग सट्टेबाजी कर रहे हैं और ऑनलाइन जुआ खेल रहे हैं। हम जानते हैं कि सैद्धांतिक रूप से इसे रोका जाना चाहिए लेकिन शायद आप इस गलतफहमी में हैं कि इसे कानून के जरिये रोका जा सकता है। न्यायालय ने सट्टेबाजी ऐप को विनियमित करने के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर यह टिप्पणी की और केंद्र से जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने केए पॉल की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिन्होंने दावा किया था कि ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से जुड़े ऐप का इस्तेमाल करने के बाद कई बच्चों ने आत्महत्या कर ली। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि कई प्रभावशाली लोग, अभिनेता और क्रिकेटर इन ऑनलाइन ऐप का प्रचार कर रहे हैं।

Advertisement

अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए पॉल ने कहा, मैं यहां उन लाखों माता-पिता की ओर से पक्ष रख रहा हूं, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अपने बच्चे खोए हैं। तेलंगाना में 1,023 से अधिक लोगों ने आत्महत्या की, क्योंकि 25 बॉलीवुड और टॉलीवुड सितारों/प्रभावशाली लोगों ने मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि तेलंगाना में प्रभावशाली लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, क्योंकि मामला मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का है।

पीठ ने कहा- हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते

पीठ ने कहा कि वह ज्यादा कुछ नहीं कर सकती, क्योंकि ये समाजिक विकृतियां हैं और कानून बनाकर लोगों को सट्टेबाजी में लिप्त होने से नहीं रोका जा सकता। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, सैद्धांतिक रूप से हम आपके साथ हैं कि इसे रोका जाना चाहिए... लेकिन शायद आप इस गलतफहमी में हैं कि इसे कानून के जरिये रोका जा सकता है।

पीठ ने कहा कि वह केंद्र से पूछेगी कि वह इस मुद्दे पर क्या कर रहा है और इस मुद्दे पर सरकार से जवाब तलब किया। शीर्ष अदालत ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल की सहायता भी मांगी।

Advertisement
×