PAK के रक्षा मंत्री बोले- भारत के साथ प्रमुख मुद्दों पर भविष्य में वार्ता संभव
इस्लामाबाद, 11 मई (भाषा)
India Pakistan talks: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि कश्मीर, सिंधु जल संधि और आतंकवाद भारत के साथ प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं और पड़ोसी देश के साथ भविष्य में होने वाली किसी भी वार्ता में इन पर चर्चा की जा सकती है।
भारत के साथ भूमि, वायु और समुद्र पर सभी प्रकार की गोलेबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए शनिवार को बनी सहमति के बाद नयी दिल्ली के साथ लंबित मुद्दों के समाधान के संबंध में सवाल पूछे जाने पर आसिफ ने यह टिप्पणी की।
यह सहमति भारत एवं पाकिस्तान के बीच चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमले जारी रहने के बाद बनी। आसिफ ने कहा कि भारत के साथ संभावित वार्ता में सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी), आतंकवाद और कश्मीर संबंधी प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। एक टेलीविजन चैनल ने आसिफ के हवाले से कहा, ‘‘ये तीन प्रमुख मुद्दे हैं जिन पर चर्चा हो सकती है।''
उन्होंने कहा, ‘‘यदि संघर्षविराम से शांति का मार्ग प्रशस्त होता है तो यह स्वागत योग्य बात होगी।'' उन्होंने यह भी कहा कि अभी निश्चितता के साथ कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। पाकिस्तान ने कहा कि वह भारत के साथ ‘‘संघर्षविराम पर सहमत'' है लेकिन नयी दिल्ली ने इसे एक ‘‘सहमति'' बताया।
पिछले सप्ताह पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर हमला किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। आसिफ ने कहा, ‘‘समय बीतने के साथ शांति के अवसर पैदा हो सकते हैं।''
पाकिस्तान के मंत्री ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारत और विशेषकर इसका नेतृत्व किसी दिन पार्टी हितों से अधिक क्षेत्र के भविष्य को प्राथमिकता देगा।''
उन्होंने कहा कि समानता पर आधारित शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व दक्षिण एशिया की प्रगति की कुंजी है। उन्होंने चीन, तुर्किये, अजरबैजान और खाड़ी साझेदारों सहित प्रमुख सहयोगियों और मित्र देशों से मिले कूटनीतिक समर्थन की सराहना की है।
‘‘शांतिपूर्वक वार्ता का रास्ता'' अपनाया जाना चाहिए: शरीफ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी और भारतीय सेनाओं के बीच चार दिनों तक रही टकराव की स्थिति के दौरान एकता और अखंडता का ‘‘अनुकरणीय'' प्रदर्शन करने के लिए अपने गठबंधन सहयोगियों और विपक्ष सहित देश के राजनीतिक नेतृत्व को धन्यवाद दिया। शरीफ ने शनिवार देर रात राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जल संसाधनों के बंटवारे और कश्मीर मुद्दे सहित लंबे समय से जारी मुद्दों को सुलझाने के लिए ‘‘शांतिपूर्वक वार्ता का रास्ता'' अपनाया जाना चाहिए।
भारत और पाकिस्तान ने जमीन, हवा और समुद्र पर सभी तरह की गोलाबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए शनिवार को सहमति जताई। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के साथ बनी सहमति पर क्षेत्रीय शांति के हित में सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक प्रयासों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने भारत एवं पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में अमेरिका, ब्रिटेन, तुर्किये, सऊदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात सहित सभी मित्र देशों और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रति आभार व्यक्त किया। शरीफ ने पाकिस्तान के ‘‘समय की कसौटी पर खरे उतरे'' और ‘‘भरोसेमंद मित्र'' चीन के प्रयासों और समर्थन का विशेष रूप से उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि वह ‘‘इस संकट की घड़ी'' में पाकिस्तान के साथ खड़ा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत के साथ बनी सहमति को पूरे देश और पाकिस्तान के सशस्त्र बलों की सफलता बताया। ‘रेडियो पाकिस्तान' के अनुसार, शरीफ ने कहा कि पाकिस्तानी सेना का ‘ऑपरेशन बुनयान-उन-मरसूस' सफल रहा और भारत की कार्रवाई का पेशेवर तरीके से जवाब दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘देश और हमारे सशस्त्र बलों ने साबित कर दिया है कि पाकिस्तान एक बहादुर, आत्म-संयमी और विवेकशील राष्ट्र है।''
शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने पहलगाम हमले की विश्वसनीय और पारदर्शी जांच में शामिल होने की पेशकश की थी लेकिन नयी दिल्ली ने सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। शरीफ ने पूरे अपने देश और सशस्त्र बलों को इस ‘‘जीत'' की बधाई दी।
शरीफ ने घोषणा की कि पाकिस्तान रविवार (11 मई) को भारत की कार्रवाई का ‘‘माकूल जवाब'' देने के लिए ‘यौम-ए-तशक्कुर' (धन्यवाद दिवस) के रूप में मनाएगा। बयान के अनुसार, शरीफ ने कहा, ‘‘हम इस सफलता के लिए अल्लाह के शुक्रगुजार हैं, जिसने हमें विजयी बनाया। यह पाकिस्तानी सेना की बहादुरी को याद करने का दिन है।'' प्रधानमंत्री ने दावा किया कि ‘ऑपरेशन बुनयान मरसूस' के तहत पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने भारतीय सेना की कार्रवाई का ‘‘पूरा जवाब'' दिया।