नयी दिल्ली, 29 जून (एजेंसी)
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर विपक्षी दल केंद्र सरकार एवं भाजपा पर भड़क गए हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भोपाल में यूसीसी की पुरजोर वकालत करते हुए कहा था कि संविधान सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों की बात करता है। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर मुसलमानों को गुमराह करने और भड़काने के लिए यूसीसी मुद्दे का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया था।
इस बीच, श्रीनगर में नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। मुसलमानों का अपना शरिया कानून है। केंद्र सरकार को इसे आगे बढ़ाने के बजाय इसके परिणामों के बारे में सोचना चाहिए।
कहीं ऐसा न हो कि तूफान आ जाए।’ उधर, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने ‘शरिया’ कानून के विरोध को गलत बताया। शरिया, कुरान की शिक्षाओं तथा पैगंबर मोहम्मद के उपदेशों पर आधारित इस्लामिक धार्मिक कानून है, जिसका मुस्लिम समाज के लोग पालन करते हैं। पार्टी के मुखपत्र सामना में उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा, ‘केवल मुसलमानों के शरिया कानून का विरोध करना समान नागरिक संहिता का आधार नहीं हो सकता। कानून एवं न्याय की दृष्टि में सभी के लिए समानता भी समान नागरिक संहिता का हिस्सा है।’ इसी तरह चेन्नई में एक कार्यक्रम से इतर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री देश में सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काकर और भ्रम पैदा करके 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने की सोच रहे हैं। उन्होंने यूसीसी मुद्दे के उछालने के पीछे धार्मिक हिंसा भड़काने का उद्देश्य होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘पटना में हुई विपक्षी नेताओं की बैठक से मोदी डरे हुए हैं।’
सभी संतुष्ट होंगे : अश्विनी कुमार चौबे
पटना : केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, ‘समान नागरिक संहिता समाज के सभी तबकों को संतुष्ट करेगा, क्योंकि सभी शांति से मिलजुल कर रहना और प्रगति करना चाहते हैं।’ उन्होंने समाज का साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने और उसका राजनीतिक लाभ लेने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने के विपक्षी दलों के दावों को भी खारिज किया।
”विभिन्न समुदायों के सुझावों और मांगों पर गौर करने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) यूसीसी पर अपना रुख स्पष्ट करेगी। यूसीसी से पहले केंद्र सरकार को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण लागू करना चाहिए। ”
-शरद पवार, राकांपा प्रमुख