सुरेंद्र मेहता/ हप्र
यमुनानगर, 28 जून
यमुनानगर में स्थित हथिनी कुंड बैराज की हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान में पानी के बंटवारे को लेकर मुख्य भूमिका रहती है। पहाड़ी इलाकों में बारिष के बाद हथिनी कुंड बैराज पर पानी का स्तर बढ़ जाता है। अब से पहले हथिनी कुंड बैराज पर यमुना का जलस्तर 70 हजार क्यूसेक होने के बाद हरियाणा व उत्तर प्रदेश की नहरों में पानी की सप्लाई पूरी तरह बंद कर दी जाती थी। इसके बाद हरियाणा, उत्तर प्रदेश के कई जिले पानी के संकट से प्रभावित होते थे। लेकिन अब सीडब्ल्यूसी की बैठक में 70 हजार की जगह एक लाख क्यूसेक पानी होने पर हरियाणा व उत्तर प्रदेश की नहरों में सप्लाई बंद किए जाने का निर्णय लिया गया है।
सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर आर एस मित्तल ने बताया कि हरियाणा के कई इलाकों मे पानी की सप्लाई बंद करने पर काफी नुकसान होता था। इसके चलते काफी समय से यमुना का जलस्तर और अधिक बढ़ने पर सप्लाई बंद किए जाने की मांग की जा रही थी।
बाढ़ रोकथाम के कार्य अधूरे
हरियाणा में मानसून दस्तक दे चुका है लेकिन अभी भी बाढ़ रोकथाम के कार्य पूरे नहीं हुए हैं। सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर इंजीनियर आर एस मित्तल का कहना है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में यमुनानगर जिला के 31 बाढ़ रोकथाम कार्यों की मंजूरी मिली थी, जिसमें से 17 कार्य पूरे हो चुके हैं। बाकी पर काम जारी है और 30 जून तक अधिकांश काम निपटा लिया जाएगा, लेकिन कुछ कार्य 6 से 7 जुलाई तक ही पूरे हो पाएंगे। यमुनानगर के उपायुक्त आयुष सिन्हा ने बताया कि मानसून को देखते हुए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पानी निकासी के लिए पंप एवं बोट का इंतजाम कर लिया गया है, उनकी वर्किंग चेक कर ली गई है।