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कृषि जोन में उद्योगों के लिए अब 20 फुट सड़क भी पर्याप्त

- हरियाणा में विकास को गति देने के लिए दो बड़े बदलाव, गांवों में उद्योगों की एंट्री आसान
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हरियाणा सरकार ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में विकास को गति देने के लिए एक ही दिन में दो बड़े बदलाव लागू किए हैं। सरकार द्वारा जारी नयी नीतियों को विशेषज्ञ नीति सुधार की ऐतिहासिक छलांग बता रहे हैं। इनमें पहला बड़ा निर्णय कृषि जोन में उद्योगों की स्थापना के लिए सड़क चौड़ाई की बाध्यता में ढील देना है, जबकि दूसरा महत्वपूर्ण सुधार शहरी क्षेत्रों के लिए मिक्स्ड लैंड यूज़ (एमएलयू) को लेकर पहली बार स्पष्ट और कड़े नियमों का ढांचा पेश करना है। अब तक कृषि जोन में उद्योग लगाने के लिए न्यूनतम 33 फुट चौड़ी सड़क अनिवार्य थी। यह शर्त अधिकतर ग्रामीण इलाकों में पूरी नहीं हो पाती थी, जिसके कारण कई छोटे और मध्यम उद्योगों के प्रस्ताव शुरुआती स्तर पर ही रुक जाते थे। नयी नीति के तहत अब 20 फुट चौड़ी मौजूदा गांव लिंक रोड या 33 फीट चौड़ी राजस्व/स्व-निर्मित पंचायत सड़क को उद्योग के लिए वैध अप्रोच रोड माना जाएगा।

सरकार का मानना है कि यह बदलाव ग्रामीण हरियाणा में औद्योगिक निवेश के नये अवसर खोलेगा। छोटे गांवों में भी उद्योगों की संभावनाएं वास्तविक रूप ले सकेंगी। उद्योग विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सड़क मानकों को सरल बनाना ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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हाईवे से जुड़े प्लॉट्स के लिए अब तुरंत सीएलयू

हाईवे के किनारे औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने वालों को अब बड़ी राहत मिली है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी साइट को हाईवे अथॉरिटी से एक्सेस परमिशन मिल गई है तो उसके बाद सीएलयू स्वचालित रूप से मंजूर माना जाएगा। इस फैसले से हाईवे-आधारित औद्योगिक गलियारों की रफ्तार बढ़ने की उम्मीद है। निवेशक अब महीनों तक अनुमति का इंतजार नहीं करेंगे और भूमि उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया तेजी से पूरी होगी। सरकार ने उद्योग विभाग, अर्बन लोकल बॉडीज और इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स विभाग को नयी नीति तुरंत प्रभाव से लागू करने को कहा है।

मिक्स्ड लैंड यूज पर पहली बार सख्त और स्पष्ट नियम

सरकार ने 12 ऐसी गतिविधियों की सूची जारी की है, जिन्हें अब एमएलयू में पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है।

प्रतिबंधित गतिविधियों में भारी उद्योग, कचरा डंपिंग व लैंडफिल साइट्स, केमिकल-पेट्रोकेमिकल प्लांट, न्यूक्लियर पावर इंस्टॉलेशन, स्लॉटर हाउस, टैनरीज, डेयरियां, पोल्ट्री व पिगरी यूनिट्स, ज्वलनशील पदार्थों का भंडारण, माइनिंग-क्वारिंग, कब्रिस्तान-श्मशान भूमि और फार्म हाउस शामिल हैं। यह पहली बार है जब फार्म हाउस को भी प्रतिबंधित सूची में जोड़ा गया है। सरकार ने सार्वजनिक हित में भविष्य में अन्य गतिविधियों को भी प्रतिबंधित घोषित करने का अधिकार सुरक्षित रखा है।

मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटीज को तुरंत लागू करने के आदेश

गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, सोनीपत और हिसार मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटीज को नये नियम तत्काल लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद संबंधित विकास योजनाओं में संशोधन किए जाएंगे ताकि मंजूरी प्रक्रिया तेज, सरल और अधिक पारदर्शी बने।

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