Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

NITI Aayog Meeting: बैठक बीच में छोड़ बाहर आईं ममता बनर्जी, कहा- मुझे बोलने से रोका गया

नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा/एएनआई) NITI Aayog Meeting: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक छोड़कर बाहर निकल आईं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
बैठक छोड़ बाहर आईं ममता बनर्जी। वीडियो ग्रैब
Advertisement

नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा/एएनआई)

NITI Aayog Meeting: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक छोड़कर बाहर निकल आईं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि होने के बावजूद उन्हें भाषण के दौरान बीच में ही रोक दिया गया।

Advertisement

बहरहाल, सरकारी सूत्रों ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ममता को बोलने के लिए दिया गया समय समाप्त हो गया था। ममता ने कहा कि पांच मिनट के बाद उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया, जबकि अन्य मुख्यमंत्रियों को अधिक देर तक बोलने की अनुमति दी गई।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘यह अपमानजनक है। मैं आगे से किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लूंगी।'' उन्होंने बैठक से बाहर आने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं बैठक का बहिष्कार करके बाहर आई हूं। (आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री) चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए। असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने 10 से 12 मिनट तक अपनी बात रखी। मुझे पांच मिनट बाद ही बोलने से रोक दिया गया। यह अनुचित है।''

ममता ने कहा, ‘‘विपक्ष की तरफ से मैं यहां अकेली नेता हूं। मैंने बैठक में इसलिए हिस्सा लिया, क्योंकि सहकारी संघवाद को मजबूत किया जाना चाहिए।'' सरकारी सूत्रों ने कहा कि यह कहना गलत है कि ममता का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि घड़ी के अनुसार, उनके बोलने का समय समाप्त हो गया था।

सूत्रों ने बताया कि वर्णानुक्रम के अनुसार, ममता की बोलने की बारी दोपहर के भोजन के बाद आती, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें सातवें वक्ता के रूप में बोलने की अनुमति दी गई, क्योंकि उन्हें जल्दी कोलकाता लौटना था।

ममता के अनुसार, उन्होंने बैठक के दौरान कहा कि सरकार ने राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण बजट पेश किया है और सवाल किया कि केंद्र राज्यों के बीच भेदभाव क्यों कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, तो यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय शक्तियां दें या योजना आयोग को वापस लाएं।''

ममता ने कहा, ‘‘मुझे पांच मिनट बाद बोलने से रोक दिया गया। मैंने कहा कि यह अनुचित है, मैं विपक्ष की ओर से मौजूद एकमात्र व्यक्ति हूं। मैं इस बैठक में वृहद हितों को ध्यान में रखकर हिस्सा ले रही हूं।''

ममता के मुताबिक, उन्होंने बैठक में कहा कि 2024-25 के आम बजट में कुछ राज्यों की अनदेखी की गई थी। ममता ने कहा, ‘‘मैंने (केंद्र सरकार से) कहा कि आप राजनीतिक रूप से पक्षपात कर रहे हैं, आप कई राज्यों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। यहां तक ​​कि बजट भी राजनीतिक, पक्षपाती बजट है... मैंने उनसे कहा कि इसकी समीक्षा की जानी चाहिए। मैंने सभी राज्यों के लिए बात की।''

ममता के अनुसार, उन्होंने बैठक में यह भी कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पश्चिम बंगाल को केंद्रीय निधि का भुगतान नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि वह और बोलना चाहती थीं, लेकिन पांच मिनट बाद उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया। ममता ने कहा, ‘‘मुझे पांच मिनट बाद रोक दिया गया। अन्य लोगों ने 10, 15, 20 मिनट तक बात की। मैं विपक्ष की ओर से अकेली थी, लेकिन मुझे रोक दिया गया। यह अपमानजनक है। मैं आगे किसी भी बैठक में भाग नहीं लूंगी।''

नीति आयोग की बैठक में ममता को बोलने से रोकना क्या ‘सहकारी संघवाद' है : स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की अपनी समकक्ष ममता बनर्जी के इस दावे को लेकर केंद्र की निंदा की कि नीति आयोग की बैठक में बोलने से उन्हें बीच में ही गलत तरीके से रोक दिया गया।

स्टालिन ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में सवाल किया, ‘‘क्या यही सहकारी संघवाद है? क्या मुख्यमंत्री के साथ व्यवहार करने का यही तरीका है? केंद्र की भाजपा नीत सरकार को यह समझना चाहिए कि विपक्षी दल हमारे लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं और उन्हें दुश्मन नहीं समझा जाना चाहिए। सहकारी संघवाद के लिए संवाद और सभी आवाजों का सम्मान जरूरी है।''

दिल्ली में, ममता ने कहा कि बैठक में उनका माइक्रोफोन पांच मिनट बाद बंद कर दिया गया, जबकि अन्य मुख्यमंत्रियों को लंबे समय तक बोलने की अनुमति दी गई। हालांकि, सरकार ने ममता के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें मिला बोलने का समय खत्म हो गया था।

Advertisement
×