दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 18 जुलाई
हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने की अटकलों पर विराम लग सकता है। भाजपा नेतृत्व ने राज्य में फिलहाल दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन सरकार चलाए रखने के संकेत दे दिए हैं। मंगलवार को नयी दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एनडीए बैठक में गठबंधन की मजबूती के संकेत मिले। इस मीटिंग में जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद डॉ़ अजय सिंह चौटाला और मनोहर सरकार में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भाग लिया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से जजपा को लिखित निमंत्रण भेजा गया था। बताते हैं कि नड्डा ने फोन पर भी जजपा को आमंत्रित किया।
एनडीए की बैठक से पूर्व नयी दिल्ली में अजय चौटाला की अध्यक्षता में जजपा कोर ग्रुप की एक बैठक हुई। बैठक में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के अलावा कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक में जजपा ने तय किया कि अजय सिंह के साथ डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी एनडीए की बैठक में भाग लेंगे।
इसलिए करना पड़ा था गठबंधन : 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 40 सीटें ही जीत पाई थी। पूर्ण बहुमत के लिए 6 और विधायकों का होना जरूरी था। बेशक, 7 निर्दलीय और सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा ने भाजपा को समर्थन दिया था, लेकिन भाजपा ने निर्दलीयों के सहारे सरकार बनाने की बजाय 10 विधायकों वाली जजपा के साथ सरकार बनाने का निर्णय लिया।
गठबंधन के पक्ष में जजपा :
भाजपा की गठबंधन सहयोगी जजपा चाहती है कि अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव भी मिलकर ही लड़े जाएं। हालांकि इस बाबत फैसला भाजपा नेतृत्व का होगा, लेकिन मंगलवार को एनडीए की बैठक में जजपा को मिले मान-सम्मान के बाद 2024 में दोनों पार्टियों के मिलकर चुनाव लड़ने के दरवाजे खुल गए हैं।
एक माह से थीं गठबंधन टूटने की अटकलें
हरियाणा के लिहाज से एनडीए की यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां भाजपा द्वारा जजपा के 10 विधायकों के समर्थन से पिछले साढ़े तीन वर्षों से सरकार चलाई जा रही है। पिछले करीब एक महीने में कई बार गठबंधन टूटने की अटकलें लगीं। भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के गठबंधन को लेकर विवादित बयान भी सामने आ चुके हैं। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कभी भी कोई ऐसी बात नहीं की। उन्होंने इतना जरूर कहा कि सरकार चलाने के लिए गठबंधन हुआ था, मिलकर चुनाव लड़े जाएंगे या नहीं, इसका फैसला भविष्य में होगा।