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कल्लू और मंडी में पटरी से उतरा जनजीवन

हिमाचल प्रदेश में आसमानी तांडव लगातार जारी है। बीते 24 घंटों के दौरान किन्नौर, कुल्लू और मंडी जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए तथा जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त रहा। मंडी जिले के उत्तरशाल, बथेरी आरंग, शेगली, बागी नाला और सनोरघाटी में...
कुल्लू में बारिश से क्षतिग्रस्त हुए रोड पर फंसे वाहन। -प्रेट्र
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हिमाचल प्रदेश में आसमानी तांडव लगातार जारी है। बीते 24 घंटों के दौरान किन्नौर, कुल्लू और मंडी जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए तथा जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त रहा। मंडी जिले के उत्तरशाल, बथेरी आरंग, शेगली, बागी नाला और सनोरघाटी में कई जगह बादल फटने की घटनाएं हुईं। इसके चलते कई घरों में मलबा घुस गया। कई गाड़ियां और पशु बह जाने की सूचना है। मंडी-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग हणोगी समेत कई जगह भूस्खलन के कारण बंद रहा। सैकड़ों वाहन फंसे रहे। पठानकोट-मंडी सड़क भी बंद रही। कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के रसोल में तेज बारिश के चलते भारी नुकसान हुआ। उधर, नेरीपुल-सोलन सड़क पर बगेड़ना के पास एचआरटीसी की चलती बस पर बड़ी चट्टान गिरने से तीन लोग घायल हो गए। सिरमौर जिले के गिरी जटोंन डैम से पानी छोड़ा गया, जिससे मैदानी इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। शिमला करसोग मार्ग पर सुन्नी के तत्तापानी के समीप सड़क का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। इस दौरान सतलुज नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से खतरा और अधिक बढ़ गया है। सुन्नी के कई इलाके सतलुज नदी के उफान से जलमग्न हो चुके हैं। प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग और 352 अन्य सड़क बंद हैं।

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