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केजरीवाल का RSS प्रमुख मोहन भागवत को पत्र, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा उठाए सवाल

केंद्र सरकार पर गलत तरीके से राजनीति करने का आरोप लगाया
अरविंद केजरीवाल व मोहन भागवत की फाइल फोटो।
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चंडीगढ़, 25 सितंबर (ट्रिन्यू/एएनआई)

Kejriwal letter to RSS: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। केजरीवाल ने इस पत्र के माध्यम से केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, लोकतांत्रिक मूल्यों की गिरावट और पार्टी में आंतरिक अनुशासन का आरोप लगाते हुए प्रश्नचिह्न लगाया है।

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केजरीवाल ने लिखा, मैं यह पत्र एक राजनैतिक पार्टी के नेता की हैसियत से नहीं लिख रहा हूं, बल्कि इस देश के एक सामान्य नागरिक के तौर पर लिख रहा हूं। आज देश के हालात को लेकर मैं बहुत चिंतित हूं। जिस दिशा में भाजपा की केंद्र सरकार देश और देश की राजनीति को ले जा रही है, यह पूरे देश के लिए हानिकारक है।

उन्होंने लिखा,  अगर यही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र ख़त्म हो जाएगा, हमारा देश ख़त्म हो जाएगा। पार्टियां तो आती-जाती रहेंगी, चुनाव आते-जाते रहेंगे, नेता आते-जाते रहेंगे, लेकिन भारत देश हमेशा रहेगा। इस देश का तिरंगा आसमान में गर्व से हमेशा लहराए, ये सुनिश्चित करना हमारी सबकी जिम्मेदारी है।

केजरीवाल ने लिखा कि इसी संबंध में जनता के मन में कुछ सवाल हैं जो वह आपके समक्ष रख रहे हैं। उनकी मंशा सिर्फ़ भारतीय लोकतंत्र को बचाने और मजबूत करने की है।

केजरीवाल ने लिखा, देशभर में तरह-तरह के लालच देकर या फिर ED-CBI की धमकी देकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ा जा रहा है, उनकी पार्टियों को तोड़ा जा रहा है और दूसरी पार्टियों की सरकारों को गिराया जा रहा है। क्या इस तरह से चुनी हुई सरकारें गिराना देश और देश के लोकतंत्र के लिए सही है? किसी भी तरह बेईमानी करके सत्ता हासिल करना, क्या आपको या RSS को यह मंजूर है?

दूसरा देश के कुछ नेताओं को खुद प्रधानमंत्री जी और अमित शाह जी ने सार्वजनिक मंच से भ्रष्टाचारी कहा और उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल करा लिया। जैसे 28 जून 2023 को मोदीजी ने एक सार्वजनिक भाषण में एक पार्टी और उनके एक नेता पर 70 हज़ार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया। उसके कुछ दिन बाद ही उस पार्टी को तोड़ कर उसी नेता के साथ सरकार बना ली और उसी नेता को, जिसे कल तक भ्रष्ट कहते थे, उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया। ऐसे कई मामले हैं जब दूसरी पार्टियों के भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल करवाया गया। क्या आपने या RSS कार्यकर्ताओं ने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी? क्या ये सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता?

आप प्रमुख ने लिखा, BJP वो पार्टी है जो RSS की कोख से पैदा हुई। ये RSS की जिम्मेदारी है कि यदि बीजेपी पथ भ्रमित हो तो उसे सही रास्ते पर लाए। क्या आपने कभी प्रधानमंत्री जी को ये सब गलत काम करने से रोका?

अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखा, जेपी नड्डा जी ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि BJP को अब RSS की जरूरत नहीं है। RSS एक तरह से बीजेपी की मां है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आँखें दिखाने लगा है? मुझे पता चला है कि नड्डा जी के इस बयान ने हर RSS कार्यकर्ता को बेहद आहत किया। देश जानना चाहता है कि उनके बयान से आपके दिल पर क्या गुज़री ?

उन्होंने लिखा, आप सबने मिलकर क़ानून बनाया कि 75 साल की उम्र के बाद बीजेपी नेता रिटायर हो जाएंगे। इस क़ानून का खूब प्रचार किया गया और इसी क़ानून के तहत आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी जी जैसे कई क़द्दावर बीजेपी नेताओं को रिटायर किया गया। पिछले दस वर्षों में इस क़ानून के तहत अन्य कई बीजेपी नेताओं को रिटायर किया गया जैसे खंडूरी जी, शांता कुमार जी, सुमित्रा महाजन जी आदि। अब अमित शाह जी का कहना है कि वो क़ानून मोदी जी पर लागू नहीं होगा। क्या इस पर आपकी सहमति है कि जिस क़ानून के तहत आडवाणी जी को रिटायर किया गया, वो क़ानून अब मोदी जी पर लागू नहीं होगा? क्या सबके लिए क़ानून समान नहीं होना चाहिए?

केजरीवाल ने पत्र में लिखा, आज हर भारतवासी के मन में ये प्रश्न कौंध रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है की आप इन सवालों पर विचार करेंगे और लोगों को इन सवालों के जवाब देंगे।

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