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Karwa Chauth 2025 : किन महिलाओं को नहीं रखना चाहिए करवाचौथ?

Karwa Chauth 2025 : महिलाओंं के लिए करवाचौथ का व्रत बेहद महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दौरान औरतें अपने पति की लंबी उम्र के लिए उपवास करती हैं। इस दौरान शादीशुदा महिलाएं पति की लंबी उम्र के साथ-साथ उनके अच्छे...
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Karwa Chauth 2025 : महिलाओंं के लिए करवाचौथ का व्रत बेहद महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दौरान औरतें अपने पति की लंबी उम्र के लिए उपवास करती हैं। इस दौरान शादीशुदा महिलाएं पति की लंबी उम्र के साथ-साथ उनके अच्छे स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन की भी कामना करती हैं।

भारत में लगभग हर महिला अपने पति के लिए करवाचौथ का व्रत रखती हैं। हालांकि आजकल कुवांरी लड़कियां भी अपने ब्वॉयफ्रेंड या होने वाले पति के लिए करवाचौथ व्रत रखती हैं लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ महिलाओं को व्रत नहीं करना चाहिए। आज हम आपको यही बताएंगे कि किन महिलाओं को नहीं रखना चाहिए करवाचौथ का व्रत....

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गर्भवती महिलाएं

गर्भवती महिलाओं को करवाचौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए, खासकर निर्जला उपवास। गर्भावस्था में महिला के शरीर को नियमित पोषण और पानी की आवश्यकता होती है, ताकि भ्रूण का सही विकास हो सके। लंबे समय तक भूखे-प्यासे रहने से गर्भ में पल रहे बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अगर कोई गर्भवती महिला यह व्रत रखना ही चाहती है, तो उसे डॉक्टर की सलाह से ही फलाहार या जलाहार उपवास रखना चाहिए।

स्तनपान कराने वाली महिलाएं

नवजात शिशु की देखभाल करने वाली माताओं को भी करवाचौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए। स्तनपान कराने के लिए शरीर को भरपूर ऊर्जा और जल की आवश्यकता होती है। उपवास के कारण दूध की मात्रा में कमी आ सकती है जिससे बच्चे को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता। इसलिए ऐसी महिलाओं को अपनी और अपने बच्चे की सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए।

बीमार या अस्वस्थ महिलाएं

अगर किसी महिला को कोई गंभीर बीमारी है जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट से जुड़ी समस्याएं, एनीमिया, माइग्रेन या कोई अन्य पुरानी बीमारी तो उसे व्रत नहीं रखना चाहिए। निर्जला उपवास शरीर पर अत्यधिक दबाव डाल सकता है, जिससे स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। डॉक्टर की सलाह लेकर ही उपवास करना उचित रहेगा।

मासिक धर्म

हिंदू धर्म में पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पूजा-पाठ से दूर रहने की परंपरा है। साथ ही, इस समय शरीर पहले से ही कमजोर होता है और उपवास करने से थकावट, चक्कर या कमजोरी हो सकती है। ऐसे में इस दौरान करवाचौथ व्रत न रखना बेहतर होता है। चाहें तो मन ही मन प्रार्थना कर सकती हैं।

मानसिक रूप से तनावग्रस्त

मानसिक तनाव से जूझ रही महिलाओं को भी करवाचौथ जैसे कठोर व्रत से बचना चाहिए। व्रत के दिन मानसिक स्थिरता, धैर्य और संयम की आवश्यकता होती है। अगर महिला पहले से ही डिप्रेशन, चिंता या मानसिक तनाव में है, तो उपवास उसकी स्थिति को और बिगाड़ सकता है।

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