Israel-Iran Conflict: इस्राइल ने ईरान के रक्षा मुख्यालय को निशाना बनाया, ईरान ने भी बरसाईं मिसाइल
दुबई, 15 जून (एपी)
Israel-Iran Conflict: इस्राइल ने रविवार को ईरान पर व्यापक हमला किया और उसके ऊर्जा उद्योग तथा रक्षा मुख्यालय को निशाना बनाया, वहीं ईरान ने भी इस्राइल के खिलाफ जवाबी हमले तेज करते हुए मिसाइलों की बौछार कर दी। दो दिन पहले इस्राइल द्वारा तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को रोकने के उद्देश्य से किए गए हमलों के बाद दोनों देश हमला और जवाबी हमला करने में लगे हैं।
इस्राइल पर ईरान के मिसाइल हमलों के बीच तेहरान में भी विस्फोटों की आवाजें सुनाई दीं। इस्राइल के आपातकालीन अधिकारियों ने कहा कि ईरान के हमले से देश भर में कई स्थानों पर लोगों की मौत हुई है। इस्राइली आपातकालीन अधिकारियों ने बताया कि गैलिली क्षेत्र में एक इमारत पर हमले के चलते चार लोगों की मौत हो गई, वहीं मध्य इस्राइल में हमले में दो महिलाओं और 10 वर्षीय लड़के की मौत हो गई।
ईरान में हताहत हुए लोगों की संख्या के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। इस्राइल ने ईरान के रक्षा मुख्यालय के साथ-साथ उन स्थलों को भी निशाना बनाया जिनके बारे में उसका कहना है कि वे देश के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े हैं। ईरान के अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड ने दावा किया कि ईरानी मिसाइलों ने इस्राइल के लड़ाकू विमानों के लिए ईंधन का उत्पादन करने वाले केन्द्रों को निशाना बनाया।
दोनों देशों के मध्य जारी संघर्ष के बीच ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु वार्ता रद्द कर दी गई है। इस्राइल के रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज़ ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘तेहरान जल रहा है।'' इस्राइली सेना और ईरान के सरकारी टेलीविजन दोनों ने ईरानी मिसाइलों के नवीनतम हमले की जानकारी दी। आधी रात के करीब सुरक्षा पर इस्राइली कैबिनेट की बैठक के दौरान विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं।
दुनियाभर के नेताओं ने तनाव कम करने और व्यापक युद्ध से बचने का तत्काल आह्वान किया है। चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि परमाणु स्थलों पर हमले ने एक ‘‘खतरनाक मिसाल कायम की है।'' इस्राइल को व्यापक रूप से पश्चिम एशिया में एकमात्र परमाणु संपन्न देश माना जाता है। इसने कहा कि पिछले दो दिनों में ईरान पर उसके सैकड़ों हमलों में ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े कई शीर्ष जनरल, नौ वरिष्ठ वैज्ञानिक और विशेषज्ञ मारे गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत ने कहा है कि 78 लोग मारे गए और 320 से अधिक घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने संबंधी दायित्वों का पालन नहीं करने के लिए बृहस्पतिवार को फटकार लगाई थी।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट किए जाने को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बता चुके इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इस्राइल के अब तक के हमले उन हमलों की तुलना में कुछ नहीं हैं जो आने वाले दिनों में उसकी सेना करेगी। ईरान की अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि एक इस्राइली ड्रोन ने ईरानी प्राकृतिक गैस प्रसंस्करण संयंत्र पर हमला किया जिसके बाद ‘‘एक जोरदार विस्फोट'' हुआ, जो ईरान के तेल और प्राकृतिक गैस के ठिकाने पर पहला इस्राइली हमला है।
इस्राइल की सेना ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि ‘साउथ पार्स' प्राकृतिक गैस क्षेत्र में कितना नुकसान हुआ है। ऐसी जगहों के चारों ओर हवाई रक्षा प्रणालियां होती हैं, जिन्हें इस्राइल निशाना बनाता रहा है।
इस्राइली सेना ने ईरानियों को हथियार बनाने वाले कारखाने खाली करने को कहा, नए हमलों की आशंका बढ़ी
इस्राइली सेना ने रविवार को ईरानियों को ‘‘सैन्य हथियार उत्पादन कारखानों'' को तत्काल खाली करने की चेतावनी दी जिसके बाद नए हमलों की आशंका बढ़ गई है। सैन्य प्रवक्ता कर्नल अविचे अद्राई ने ‘एक्स' पर ईरान को फारसी भाषा में चेतावनी जारी की। अद्राई ने पूर्व में गाजा पट्टी में इस्राइल-हमास युद्ध के बीच गाजा पट्टी, लेबनान और यमन में अन्य हमलों का संकेत दिया था। उनकी यह चेतावनी ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर इस्राइल अपने हमले बंद कर दे तो तेहरान भी इस्राइल पर अपने हमले बंद कर देगा।
विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने रविवार को कहा कि अगर उनके देश पर इस्राइल के हमले बंद हो जाएं तो ‘‘हमारी जवाबी कार्रवाई भी रुक जाएगी।'' अराघची ने तेहरान में राजनयिकों के समक्ष यह टिप्पणी की। शुक्रवार को इस्राइली हमले शुरू होने के बाद वह पहली बार सार्वजनिक तौर पर नजर आए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आक्रामण बंद हो जाते हैं तो हमारी जवाबी कार्रवाई भी बंद हो जाएगी।'' इस्राइल की ओर से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अराघची ऐसे दिन नजर आए हैं जब उन्हें तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर ओमान में अमेरिका के साथ बातचीत करनी थी, लेकिन इस्राइली हमलों के बीच यह बातचीत नहीं हुई।