इंडिगो ने रविवार को अपनी 2300 दैनिक घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में से 1650 उड़ानों का संचालन किया, जबकि 650 उड़ान रद्द रहीं। पिछले पांच दिन में संचालन संबंधी समस्याएं बढ़ने के कारण सैकड़ों उड़ान रद्द होने के बाद अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। विमानन कंपनी इंडिगो ने कहा कि वह 10 दिसंबर तक अपने नेटवर्क के स्थिर होने की उम्मीद कर रही है। इससे पहले 10 से 15 दिसंबर के बीच ऐसा होने की संभावना जताई गई थी। शनिवार को इंडिगो ने लगभग 1,500 उड़ान संचालित कीं, जबकि लगभग 800 उड़ान रद्द हो गईं। उड़ानें रद्द होने से हजारों यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।उधर, इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के बोर्ड ने एक संकट प्रबंधन समूह (सीएमजी) का गठन किया है, जो हालात की निगरानी के लिए नियमित रूप से बैठक कर रहा है। कंपनी का निदेशक मंडल ग्राहकों को हो रही परेशानियों का समाधान करने और यात्रियों को रिफंड सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।उधर, केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि इंडिगो के मौजूदा परिचालन संकट के कारण यात्रियों को मानसिक प्रताड़ना और परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस संकट को लेकर जवाबदेही तय की जाएगी और किसी को बख्शा नहीं जाएगा। डीजीसीए ने मौजूदा स्थिति के कारणों का पता लगाने और निवारण उपायों की सिफारिश करने के लिए चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि चार सदस्यीय समिति की रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।610 करोड़ रुपये रिफंड किएइंडिगो ने रद्द या अत्यधिक विलंबित उड़ानों के लिए अब तक 610 करोड़ रुपये के रिफंड की प्रक्रिया पूरी कर ली है। शनिवार तक 3000 नग सामान यात्रियों तक पहुंचाया। सरकार ने रविवार को यह जानकारी दी। सरकार ने कहा कि देश का विमानन नेटवर्क तेजी से सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है। यात्रियों की सहायता के लिए विशेष सहायता केंद्र बनाए गए हैं, ताकि रिफंड और दोबारा बुकिंग से जुड़े मुद्दों का त्वरित समाधान हो सके।संसदीय समिति कर सकती है जवाब तलबइंडिगो की उड़ानों के रद्द होने के कारण यात्रियों को हुई परेशानी के मामले में एक संसदीय समिति निजी विमानन कंपनी के शीर्ष अधिकारियों और डीजीसीए को तलब कर सकती है। जदयू नेता संजय झा की अध्यक्षता वाली परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसदीय स्थायी समिति, विमानन कंपनी के शीर्ष अधिकारियों और डीजीसीए तथा नागर विमानन मंत्रालय के अधिकारियों से हवाई सेवाओं में व्यवधान के कारणों और उसके समाधानों पर स्पष्टीकरण मांग सकती है। समिति ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।