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India China border: चीन ने की पुष्टि, पू्र्वी लद्दाख में सुचारू रूप से हो रही चीनी सैनिकों की वापसी

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने दी जानकारी
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सांकेतिक फाइल फोटो।
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बीजिंग, 26 अक्तूबर (भाषा)

India China border: चीन ने कहा है कि दोनों देशों के बीच हाल ही में हुए समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख से चीनी और भारतीय सैनिकों की वापसी ‘‘सुचारू रूप से'' हो रही है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 23 अक्टूबर को रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन से इतर अपनी द्विपक्षीय बातचीत में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास से सैनिकों के पीछे हटने और गश्त को लेकर हुए समझौते का अनुमोदन किया था।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने शुक्रवार को बीजिंग में पत्रकारों को बताया, ‘‘सीमा क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर चीन और भारत के बीच हाल ही में हुए समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं अपने-अपने जवानों की वापसी में जुटे हैं और यह प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है।''

भारत ने टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को वापस बुलाने को लेकर चीन से हुए समझौते की 21 अक्टूबर को घोषणा की थी और बीजिंग ने एक दिन बाद इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि दोनों ‘‘पक्ष प्रासंगिक मामलों के समाधान'' तक पहुंच गए हैं और वह (बीजिंग) इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए नयी दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा।

प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना

भारतीय सेना के सूत्रों ने शुक्रवार को बताया, ‘‘भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और डेपसांग मैदानी क्षेत्रों में टकराव वाले दो बिंदुओं से सैनिकों की वापसी शुरू कर दी है और यह प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है।''

बातचीत अब भी चल रही है

उन्होंने कहा कि समझौता केवल टकराव वाले इन दो बिंदुओं के लिए हुआ है तथा अन्य क्षेत्रों के लिए “बातचीत अब भी चल रही है।” सूत्रों ने कहा कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद टकराव वाले दोनों बिंदुओं पर गश्त शुरू होगी और दोनों पक्ष अपने-अपने सैनिकों को हटाकर अस्थायी ढांचों को नष्ट कर देंगे।

गश्त का स्तर अप्रैल 2020 से पहले के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद

उन्होंने कहा कि अंतत: गश्त का स्तर अप्रैल 2020 से पहले के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच भीषण संघर्ष के बाद संबंधों में तनाव आ गया था। यह पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में संवाददाताओं से कहा था कि पिछले कुछ सप्ताह में हुई बातचीत के बाद समझौते को अंतिम रूप दिया गया और इससे 2020 में सामने आए मुद्दों का समाधान निकलेगा।

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