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Artificial Islands: तीन वर्षों में चीन बनाएगा दुनिया का पहला तैरता हुआ कृत्रिम द्वीप, जो झेल सकेगा ’परमाणु हमले’

Artificial Islands: चीन एक विशाल तैरते हुए समुद्री अनुसंधान प्लेटफॉर्म का निर्माण कर रहा है, जिसे परमाणु धमाके की शॉक वेव से भी सुरक्षित रहने के लिए डिज़ाइन किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह परियोजना समुद्री प्रभाव...
सांकेतिक फाइल फोटो। iStock
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Artificial Islands: चीन एक विशाल तैरते हुए समुद्री अनुसंधान प्लेटफॉर्म का निर्माण कर रहा है, जिसे परमाणु धमाके की शॉक वेव से भी सुरक्षित रहने के लिए डिज़ाइन किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह परियोजना समुद्री प्रभाव क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा को नया रूप दे सकती है।

चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना के तहत राष्ट्रीय प्रमुख वैज्ञानिक अवसंरचना परियोजना के रूप में शामिल यह डीप-सी ऑल-वेधर रेज़िडेंट फ्लोटिंग रिसर्च फैसिलिटी दुनिया का पहला मोबाइल, आत्मनिर्भर कृत्रिम द्वीप होगा। scmp.com के अनुसार यह 78,000 टन वजन वाला, अर्ध-डूबानुमा (सेमी-सबमर्सिबल) ट्विन-हल संरचना वाला प्लेटफॉर्म है, जो समुद्र में लंबे समय तक कार्य करने में सक्षम होगा।

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विशाल क्षमता और संरचना

शंघाई जिआओ टोंग यूनिवर्सिटी (SJTU) द्वारा विकसित इस प्लेटफॉर्म के बारे में जानकारी।

हालांकि इसे नागरिक परियोजना बताया गया है, इसकी संरचना में परमाणु विस्फोट से सुरक्षा के लिए सैन्य स्तर की तकनीक शामिल है। SJTU के प्रोफेसर यांग डेचिंग की टीम द्वारा प्रकाशित शोध पत्र के अनुसार सुपर-स्ट्रक्चर के कुछ हिस्सों में GJB 1060.1-1991 नामक चीनी सैन्य मानक का उपयोग किया गया है। इन संरक्षित कक्षों में बिजली, नेविगेशन और संचार की महत्वपूर्ण प्रणालियां रखी जाएंगी।

उन्नत ’मेटामटेरियल’ शॉक-एब्जॉर्बर

भारी स्टील के बजाय वैज्ञानिकों ने 60 मिमी मोटी मेटामटेरियल सैंडविच बल्कहेड विकसित की है। यह निगेटिव पॉइसन रेशियो वाले नलिकाओं (corrugated tubes) से बनी होती है। परमाणु धमाके की तीखी शॉक वेव को धीमे, नियंत्रित दबाव में बदल देती है।  इससे संरचना पर पड़ने वाला तनाव कम होता है।

लाभ

रणनीतिक महत्व

यह प्लेटफॉर्म 2028 तक सेवा में आने की उम्मीद है। अपने आकार, गतिशीलता और सहनशक्ति के कारण यह चीन को दूरस्थ या विवादित क्षेत्रों विशेषकर दक्षिण चीन सागर में निरंतर उपस्थिति बनाए रखने में मदद कर सकता है। हालांकि चीन इसे महासागरीय शोध, उपकरण परीक्षण और गहरे समुद्र संसाधन अध्ययन के लिए बता रहा है, विशेषज्ञों का मानना है कि इसका उपयोग कमांड सेंटर, लॉजिस्टिक हब, या निगरानी प्लेटफॉर्म के रूप में भी किया जा सकता है।

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मुख्य बिंदु (Key Points)

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