मुंबई, 26 जून (एजेंसी)
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ में विपक्षी गठबंधन को ‘वैगनर समूह’ बताया गया है। बता दें कि पिछले हफ्ते एक नाटकीय घटनाक्रम में, रूस में निजी सैनिकों के ‘वैगनर समूह’ ने सशस्त्र विद्रोह कर दिया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विद्रोह को विश्वासघात और देशद्रोह करार दिया। हालांकि बेलारूस के राष्ट्रपति की मध्यस्थता के बाद वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन ने रक्तपात रोकने के लिए सैनिकों को यूक्रेन में अपने शिविरों में जाने को कह दिया था।
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में वैगनर समूह के रूसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ विद्रोह और पिछले हफ्ते पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बीच समानता बताई गई है। चुनाव के लिये रणनीति पर चर्चा के लिए एक दर्जन से अधिक विपक्षी दलों के 32 से अधिक नेताओं ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेजबानी में पटना में एक महत्वपूर्ण बैठक की और 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से एकजुट होकर मुकाबला करने का संकल्प लिया।
सामना के संपादकीय में कहा गया कि ‘वैगनर समूह’ ने दिखाया कि तानाशाही को चुनौती दी जा सकती है। इसमें कहा गया, ‘मोदी हों या पुतिन, उन्हें विद्रोह का सामना करना पड़ता है। भारत में सरकार को एक अहिंसक वैगनर समूह द्वारा उखाड़ फेंका जाएगा और उसका रास्ता मतपेटी के माध्यम से तय होगा।’
मराठी दैनिक ने पिछले हफ्ते बिहार की राजधानी में विपक्षी दलों के एक सम्मेलन के संदर्भ में कहा, ‘वैगनर समूह लोकतंत्र के संरक्षक के तौर पर पटना में एक साथ आया।’
… तो देश में मणिपुर जैसी स्थिति
होगी : संपादकीय में दावा किया गया है कि लोगों में सरकार के खिलाफ इतना गुस्सा है कि अगर ईवीएम ‘घोटाला’ हुआ तो देश में मणिपुर जैसी स्थिति होगी। मणिपुर में तीन मई को भड़की जातीय हिंसा के बाद से लगभग 120 लोगों की जान जा चुकी है और 3,000 से अधिक घायल हुए हैं। संपादकीय में यह भी दावा किया गया कि भाजपा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जैसे कई लोगों को अपना ‘रक्षक’ बना रखा है और भविष्य में वही लोग उनकी पीठ में ‘छुरा घोंप’ देंगे। गौर हो कि शिंदे ने पिछले साल जून में शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया था।