IMF ने पाकिस्तान पर लगाईं 11 नई शर्तें, राहत कार्यक्रम के प्रति जोखिम को लेकर चेताया
इस्लामाबाद, 18 मई (भाषा)
Pakistan News: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने अपने राहत कार्यक्रम की अगली किस्त जारी करने के लिए पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें लगाई हैं। इसके साथ ही IMF ने पाकिस्तान को चेताया है कि भारत के साथ तनाव से योजना के राजकोषीय, बाह्य और सुधार लक्ष्यों के लिए जोखिम बढ़ सकते हैं। रविवार को मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई है।
पाकिस्तान पर लगाई गई नई शर्तों में 17,600 अरब रुपये के नए बजट को संसद की मंजूरी, बिजली बिलों पर ऋण भुगतान अधिभार में वृद्धि और तीन साल से अधिक पुरानी कारों के आयात पर प्रतिबंध को हटाना शामिल है।
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि IMF द्वारा शनिवार को जारी कर्मचारी स्तर की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से इस कार्यक्रम के राजकोषीय, बाह्य और सुधार लक्ष्यों के लिए जोखिम बढ़ सकते हैं।''
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पिछले दो सप्ताह में पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव काफी बढ़ गया है, लेकिन अबतक, बाजार की प्रतिक्रिया मामूली रही है और शेयर बाजार ने अपने हाल के अधिकांश लाभ को बरकरार रखा है।
IMF की रिपोर्ट में अगले वित्त वर्ष के लिए रक्षा बजट 2,414 अरब रुपये रुपये दिखाया गया है, जो 252 अरब रुपये या 12 प्रतिशत अधिक है। IMF के अनुमान की तुलना में सरकार ने इस महीने की शुरुआत में भारत के साथ टकराव बढ़ने के बाद रक्षा क्षेत्र के लिए 2,500 अरब रुपये या 18 प्रतिशत अधिक आवंटित करने का संकेत दिया है।
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में छह और सात मई की दरमियानी रात को पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकी ठिकानों पर हमले किए। इसके बाद पाकिस्तान ने भी आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। 10 मई को दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई को रोकने पर सहमति बनी।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में कहा गया है कि IMF ने पाकिस्तान पर अब 11 और शर्तें लगाई हैं। इस तरह पाकिस्तान पर अबतक 50 शर्तें लगाई जा चुकी हैं। नई शर्तों के तहत अगले वित्त वर्ष के बजट के लिए संसद की मंजूरी शामिल है।
IMF की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान का कुल बजट आकार 17,600 अरब रुपये का है। इसमें से 1,0700 अरब रुपये विकास कार्यों के लिए होंगे। प्रांतों पर भी एक नई शर्त लगाई गई है। इसमें चार संघीय इकाइयां एक व्यापक योजना के माध्यम से नए कृषि आयकर कानूनों को लागू करेंगी, जिसमें रिटर्न प्रसंस्करण, करदाता पहचान और पंजीकरण, संचार अभियान और अनुपालन सुधार योजना के लिए एक परिचालन मंच की स्थापना शामिल है।
इस शर्त के तहत प्रांतों के लिए समयसीमा जून तक है। एक और नई शर्त यह है कि सरकार IMF के संचालन में सुधार के आकलन की सिफारिशों के आधार पर कामकाज के संचालन की कार्रवाई योजना प्रकाशित करेगी। इसके अलावा एक और शर्त यह है कि सरकार 2027 के बाद की वित्तीय क्षेत्र की रणनीति की रूपरेखा तैयार करेगी और उसे प्रकाशित करेगी। IMF ने ऊर्जा क्षेत्र के लिए भी चार नई शर्तें लगाई हैं।