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मनुष्य हूं... देवता नहीं, गलतियां हो सकती हैं : मोदी

प्रधानमंत्री का पहला पॉडकास्ट, साझा की कई बातें
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो) -एएनआई
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नयी दिल्ली, 10 जनवरी (एजेंसी)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले पॉडकास्ट में कहा कि उनकी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं थी। हालात की वजह से उन्होंने प्रधानमंत्री पद तक सफर तय किया। शुक्रवार को ‘एक्स’ पर साझा किए गये इस पॉडकास्ट में अॉनलाइन स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ ने उनसे बातचीत की।

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गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने एक भाषण को याद करते हुए मोदी बोले, ‘मैंने कहा था कि मेहनत करने में कोई कमी नहीं रखूंगा। अपने लिए कुछ नहीं करूंगा। मनुष्य हूं, गलती हो सकती है। बदइरादे से गलत नहीं करूंगा। मैंने इन्हें जीवन का मंत्र बनाया। गलतियां होती हैं... मैं भी मनुष्य हूं, देवता थोड़े ही हूं। मनुष्य हूं तो गलती हो सकती है...पर बदइरादे से गलत नहीं करूंगा।’

अच्छे लोगों के राजनीति में आने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मिशन लेकर आएं, एंबीशन लेकर नहीं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह किसी युवा राजनेता में ऐसी क्षमता देखते हैं, उन्होंने कहा, ‘बहुत लोग हैं। वे दिन-रात मेहनत करते हैं। मिशन मोड में काम करते हैं। मैं नाम लूंगा, तो बाकी के साथ अन्याय हो जाएगा।’

जीवटता, संवाद कला जरूरी

प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी जीवटता के कारण महात्मा बने। उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि नेता लच्छेदार भाषण देने वाला ही होना चाहिए। यह कुछ दिन चल जाता है। लेकिन अंतत: जीवटता काम करती है। भाषण कला से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है संवाद कला। उन्होंने कहा, ‘महात्मा गांधी हाथ में अपने से भी ऊंचा डंडा रखते थे, लेकिन अहिंसा की वकालत करते थे। बहुत बड़ा अंतर्विरोध था फिर भी संवाद करते थे। महात्मा गांधी ने कभी टोपी नहीं पहनी, लेकिन दुनिया गांधी टोपी पहनती थी। यह संवाद की ताकत थी। महात्मा गांधी का क्षेत्र राजनीति था, लेकिन राज व्यवस्था नहीं थी। वह चुनाव नहीं लड़े, वह सत्ता में नहीं बैठे। लेकिन मृत्यु के बाद जो जगह बनी (समाधि), वह राजघाट बना।’

जोखिम उठाने की मेरी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हुआ

मोदी ने कहा कि वह कभी भी ‘कम्फर्ट जोन’ (आरामदायक स्थिति) में नहीं रहे और जोखिम उठाने की उनकी क्षमता का अभी तक पूरा उपयोग नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वही लोग जीवन में असफल होते हैं, जिन्हें कम्फर्ट जोन में रहने की आदत हो जाती है।

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