Himachal Pardesh Disaster : हिमाचल में बारिश-भूस्खलन का प्रकोप जारी, सीएम सुक्खू ने राज्य को आपदा ग्रस्त घोषित किया
Himachal Pardesh Disaster : आज यानी 1 सितंबर से पूरे हिमाचल प्रदेश को आपदा ग्रस्त राज्य घोषित कर दिया गया है। जब तक बरसात चलेगी तब तक हिमाचल आपदा ग्रस्त राज्य घोषित रहेगा। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में हिमाचल को आपदा ग्रस्त राज्य घोषित करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में मॉनसून की बरसात जारी रहने तक हिमाचल आपदा ग्रस्त राज्य घोषित रहेगा और इसके बाद ही इससे संबंधित अधिसूचना को वापस लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश को आपदा ग्रस्त राज्य घोषित करने से संबंधित आदेश सभी उपायुक्तों को दे दिए गए हैं और आपदा प्रबंधन कानून की धारा 34 के तहत कार्रवाई करने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मॉनसून की बरसात के बाद बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से पूरे प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है। उसे देखते हुए प्रदेश को आपदा ग्रस्त राज्य घोषित करने का निर्णय लिया गया है और इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बार-बार आई आपदा से सड़कों, पुलों, बिजली, पेयजल आपूर्ति योजनाओं को सबसे अधिक नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में एक विशेष वक्तव्य में कहा कि चंबा जिले की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा में अब तक विभिन्न कारणों से 16 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इनमें से चार श्रद्धालुओं के शव अभी भरमौर के कुगती में फंसे हैं, क्योंकि लगातार बारिश के कारण इन्हें निकालना संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि चंबा जिला प्रशासन ने इन शवों को निकालने के लिए 20 मजदूरों की व्यवस्था की है और जल्द ही ये शव निकाल दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भरमौर से सुरक्षित निकाले गए तीर्थयात्रियों के आंकड़ों में कोई विरोधाभास नहीं है, क्योंकि उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी सदन को बताया था कि 3257 तीर्थयात्रियों को मणिमहेश से भरमौर लाया गया था। उन्होंने कहा कि मणिमहेश में फंसे 15 हजार तीर्थयात्रियों में से 10 हजार को सुरक्षित निकाल लिया गया है और हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों के माध्यम से बिना किसी शुल्क के नूरपुर तक छोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें 27 अगस्त को पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार का एक पत्र मिला था, जिसमें मॉनसून के कारण आई आपदा पर चिंता व्यक्त की गई थी। उन्होंने कहा कि वह आभारी हैं कि शांता कुमार ने प्रधानमंत्री और केंद्र को पत्र लिखकर हिमाचल प्रदेश में स्थिति से निपटने के लिए केंद्र में वर्षों से लावारिस पड़े दो लाख करोड़ रुपए में से 20 हजार करोड़ रुपये का विशेष वित्तीय पैकेज देने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अब तक की सबसे भीषण तबाही हुई है और वह आभारी हैं कि भाजपा नेता शांता कुमार ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और विधायकों को पत्र लिखकर हिमाचल प्रदेश में मानसून आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और पहाड़ी राज्य को वित्तीय सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है। उन्होंने घोषणा की कि भरमौर में फंसे सभी यात्रियों को हेलीकॉप्टर से मौसम के साथ होते ही चंबा लाया जाएगा, जो चलने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि सरकार भरमौर में फंसे एक-एक श्रद्धालु को उनके ठिकाने तक पहुंचाने को प्रतिबद्ध है। इसके लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी चार दिन से भरमौर में डेरा डाले हुए हैं और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उनका लिया हुआ हर फैसला अंतिम होगा।
इस बीच, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भरमौर में 500 से ज़्यादा लोग अभी भी फंसे हुए हैं क्योंकि वे चलने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वहां सड़क, पानी और बिजली की सुविधा युद्ध स्तर पर बहाल किया जाए ताकि फंसे हुए लोगों को भरमौर से निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि भरमौर और चंबा के अन्य हिस्सों के कुछ युवा फंसे हुए हैं और अपनी परीक्षा देने नहीं जा पा रहे हैं, यदि संभव हो तो परीक्षाओं को स्थगित किया जाना चाहिए। उन्होंने विभिन्न कारणों से हुई मौतों के परस्पर विरोधी आंकड़ों और भरमौर में अभी भी फंसे तीर्थयात्रियों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के मंत्री ही नहीं, विपक्ष के विधायक डॉ. जनक राज, डीएस ठाकुर अपने-अपने क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों की मदद में जुटे हुए हैं।