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Himachal CPS Case: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, मुख्य संसदीय सचिवों की अयोग्यता पर लगाई रोक

सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को राहत, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बताई थी नियुक्ति असंवैधानिक
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नई दिल्ली, 22 नवंबर (एजेंसी/ट्रिन्यू)

Himachal CPS Case: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त छह मुख्य संसदीय सचिवों (CPS) की अयोग्यता पर रोक लगा दी है। यह फैसला हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दिया गया है, जिसमें मुख्य संसदीय सचिवों और संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिया गया था।

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सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश सरकार ने छह विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया था। इस फैसले को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता कल्पना देवी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने इस नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए इन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि फिलहाल इस मामले में कोई और कार्रवाई नहीं होगी। हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार द्वारा कोई नई नियुक्तियां नहीं की जाएंगी, क्योंकि यह कानून के विरुद्ध होगा।

भाजपा नेता को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता कल्पना देवी को भी नोटिस जारी कर उनसे दो सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने यह मामला चार हफ्ते बाद फिर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। इस मामले को पहले से लंबित याचिकाओं के साथ जोड़ा गया है।

नियुक्ति पर होते रहे हैं विवाद

मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर पहले भी विवाद होते रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार इन नियुक्तियों का उपयोग विधायकों को लाभ के पद देकर उन्हें संतुष्ट करने के लिए करती है। हिमाचल प्रदेश में यह मामला न केवल संवैधानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच खींचतान का कारण बन गया है।

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