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Haryana Vidhan Shaba LIVE : कानून-व्यवस्था पर कांग्रेस का काम रोको प्रस्ताव आज

चर्चा से पहले सीएम नायब सिंह सैनी ने शिक्षिका केस की जांच सीबीआई को सौंपी
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भिवानी की शिक्षिका मनीषा की संदिग्ध मौत की जांच अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) करेगी। सरकार ने सोमवार देर रात इस केस से जुड़ी पूरी फाइल सीबीआई को सौंप दी। भिवानी पुलिस की प्रारंभिक रिपोर्ट मिलने के बाद एजेंसी औपचारिक जांच शुरू कर सकती है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 20 अगस्त को ही केस को सीबीआई को सौंपने की घोषणा की थी।

फैसले के बाद भिवानी पुलिस ने जांच आगे नहीं बढ़ाई और केस सीबीआई के हवाले करने की तैयारी की। एफआईआर की कॉपी और घटना से जुड़े सभी दस्तावेज एजेंसी को दिए जाएंगे। मृतका के परिजनों ने सीबीआई जांच और एम्स, दिल्ली में पोस्टमार्टम की मांग की थी, जिसे सरकार ने मान लिया था।

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11 अगस्त को लापता, 13 को मिला शव

मनीषा 11 अगस्त को घर से स्कूल पढ़ाने गई थी। नर्सिंग कॉलेज में दाखिला करवाने निकली, लेकिन लौटकर नहीं आई। परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई, मगर दो दिन तक कोई सुराग नहीं मिला। 13 अगस्त को उसका शव सिंघानी गांव के खेतों में बरामद हुआ।

परिजनों का आरोप-पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई

परिवार का कहना है कि गुमशुदगी की शिकायत पर पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई और बेटी के भाग जाने की बात कहकर टाल दिया। शव मिलने पर उन्होंने हत्या की आशंका जताई और लापरवाही का आरोप लगाया। पहले पोस्टमार्टम की रिपोर्ट पर भरोसा न करते हुए परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद 15 अगस्त को रोहतक पीजीआई और फिर एम्स दिल्ली में दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया।

पुलिस बोली आत्महत्या, परिवार बोला हत्या

18 अगस्त को पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया और एक कथित सुसाइड नोट पेश किया। लेकिन परिजनों व ग्रामीणों ने इसे नकारते हुए हत्या का आरोप लगाया। बढ़ते दबाव के चलते सरकार ने भिवानी के एसपी को हटाया, एसएचओ को लाइन हाजिर किया और चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।

सीबीआई जांच की मांग पर अड़ी थी जनता

पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच से असंतुष्ट परिजन व ग्रामीण लगातार सीबीआई जांच की मांग करते रहे थे। विरोध बढ़ने पर मुख्यमंत्री ने 20 अगस्त को सीबीआई जांच का ऐलान किया। अब फाइल सौंपकर इसे औपचारिक रूप से एजेंसी के हवाले कर दिया गया है। इसी बीच, मानसून सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने विधानसभा में कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया था। आज भी कांग्रेस काम रोको प्रस्ताव के जरिए सरकार को घेरने की तैयारी में है। मनीषा केस बहस का मुख्य केंद्र बनेगा।

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