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Haryana Rain Alert : हरियाणा में बारिश का कहर; नदियों में उफान से ग्रामीणों में डर, 2.5 लाख एकड़ फसलें डूबीं, 18 जिलों में अलर्ट

मुख्यमंत्री नायब सैनी खुद रख रहे स्थिति पर नजर : हजारों किसान प्रभावित, प्रशासन हाई अलर्ट पर, जिलों से ले रहे फीडबैक
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Haryana Rain Alert : हरियाणा में मानसून का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। सोमवार को प्रदेश के कई जिलों में दिनभर रुक-रुक कर बारिश होती रही। मौसम विभाग ने मंगलवार को 18 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। फरीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल, रोहतक, झज्जर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, यमुनानगर, अंबाला, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, जींद, भिवानी और चरखी दादरी को ऑरेंज, जबकि हिसार, फतेहाबाद, कैथल, सिरसा, नारनौल, लोहारु, कोसली और बावल को यलो अलर्ट में रखा गया है।

प्रदेश में बारिश का असर अब तक 2.5 लाख एकड़ फसलों पर पड़ा है और करीब 40 हजार किसान सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूबी हुई हैं और कई जगह नहर टूटने से जलभराव बढ़ गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपना विदेश दौरा रद्द करके पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। वे प्रदेश मुख्यालय के अलावा जिलों के अधिकारियों से भी नियमित रूप से फीडबैक ले रहे हैं। प्रदेश को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

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इधर, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने आदेश जारी करके विभागों के फील्ड अधिकारियों को मुख्यालय नहीं छोड़ने को कहा है। अधिकारियों को राहत-बचाव के इंतजाम पूरे करने को कहा है। अधिकारियों का कहना है कि बारिश का पैटर्न अभी अनिश्चित है और नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है। अधिकारियों को अगर बहुत अधिक जरूरी होने पर मुख्यालय छोड़ना भी पड़ता है तो इसके लिए मुख्य सचिव और राजस्व एवं आपदा प्रबंध विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव से परमिशन लेनी होगी।

हथिनीकुंड बैराज: यमुना किनारे हाई अलर्ट

यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज में सोमवार सुबह जलस्तर 3 लाख 29 हजार क्यूसेक तक पहुँच गया। प्रशासन ने सभी फ्लड गेट खोल दिए और यमुना किनारे रहने वाले ग्रामीणों को सतर्क किया। सायरन बजाकर लोगों से कहा गया कि वे नदी और आसपास के खेतों से दूर रहें और पशुओं को चराने न ले जाएं। दोपहर तीन बजे बैराज में 2 लाख 96 हजार 810 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। दिल्ली को भी संभावित बाढ़ के खतरे को लेकर अलर्ट कर दिया गया।

सिरसा, यमुनानगर, हिसार में नुकसान

सिरसा जिले में डबवाली के रिसालिया खेड़ा और पक्का गांव में रात के दौरान दो मकानों की दीवारें गिर गईं। गनीमत रही कि दीवार बाहर की तरफ गिरी और परिवार सुरक्षित रहा। वहीं राजपुरा माइनर टूटने से 50 एकड़ से ज्यादा फसल डूब गई। यमुनानगर में एक मकान की छत गिर गई, चार लोग बाल-बाल बच गए। कैथल के सोंगल गांव में घरों में पानी घुस गया और नारनौल के एक प्राइवेट स्कूल में जलभराव हो गया। अंबाला में सड़क किनारे पेड़ गिरने से यातायात बाधित हुआ।

नदियों का उफान और एचडीआरएफ की तैयारी

मारकंडा नदी कुरुक्षेत्र में खतरे के निशान से मात्र एक मीटर नीचे बह रही है। यहां 18 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है और अगले 24 घंटे में यह दोगुना हो सकता है। शाहाबाद में एचडीआरएफ की टीम तैनात की गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत राहत कार्य शुरू किया जा सके। अंबाला की टांगरी नदी में 10 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है, जबकि इसकी क्षमता 15 हजार क्यूसेक है। तीन दिन पहले अचानक 36 हजार क्यूसेक पानी आने से 17 कॉलोनियां डूब चुकी थीं। घग्गर नदी सिरसा, फतेहाबाद और कैथल में लगातार डेंजर लेवल पर बह रही है।

किसानों के माथे पर आ रहे पसीने

हिसार जिले के बालसमंद में भाखड़ा नहर से आती बासड़ा माइनर टूटने से करीब 100 एकड़ जमीन में पानी भर गया। किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही है। किसानों का कहना है कि लगातार बारिश से खरीफ फसलों की जड़ें सड़ने लगी हैं। सिरसा, यमुनानगर और कैथल के कई इलाके प्रभावित हैं। ग्रामीणों की चिंता लगातार बढ़ रही है क्योंकि कई नदियां अभी भी उफान पर हैं।

ग्रामीणों की सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती

यमुना के किनारे बसे गांव लापरा, छोटा लापरा, टापूमाजरी, गोड़ो पिपली, दराजपुर और कमालपुर में ग्रामीणों में चिंता बढ़ी हुई है। प्रशासन ने कहा है कि लोग नदियों और नहरों के किनारे न जाएं। पशुओं को चराने से रोकें और किसी भी आकस्मिक स्थिति में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें। मौसम विभाग ने चेताया है कि आने वाले 24 घंटे में बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। ऐसे में प्रदेश के अधिकांश जिलों में हालात अभी भी गंभीर हैं और राहत कार्यों के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।

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