हरियाणा सरकार का मीठा उपहार : गन्ने का रेट 15 रुपये क्विंटल बढ़ाया
सरकार के आदेश के मुताबिक, अगेती किस्म के गन्ने का रेट 400 रुपये से बढ़ाकर 415 रुपये प्रति क्विंटल और पछेती किस्म का रेट 393 रुपये से बढ़ाकर 408 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। दो दिन पहले कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा की अध्यक्षता में शुगरकेन बोर्ड की बैठक के दौरान दाम बढ़ाने का निर्णय लिया गया था।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब गन्ना किसानों की लागत लगातार बढ़ रही है। डीजल, खाद और श्रम दरों में बढ़ोतरी ने खेती को महंगा बना दिया है।
केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 355 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि हरियाणा सरकार ने इससे 60 रुपये अधिक रेट तय कर दिया है।
देश के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में कीमत
- हरियाणा : 415 रुपये प्रति क्विंटल
- पंजाब : 401 रुपये प्रति क्विंटल
- बिहार : 365 रुपये प्रति क्विंटल
- उत्तर प्रदेश: 350 रुपये प्रति क्विंटल
- उत्तराखंड: 355 रुपये प्रति क्विंटल
88 लाख टन उत्पादन, 14 चीनी मिलें
हरियाणा में फिलहाल 14 चीनी मिलें चल रही हैं। इनमें 11 सहकारी और 3 निजी क्षेत्र की हैं। पिछले वर्ष राज्य में करीब 88.6 लाख टन गन्ने का उत्पादन हुआ था। अब बढ़े हुए रेट से किसानों को इस सीजन में बेहतर लाभ की उम्मीद है। सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने मिलों को निर्देश दिए हैं कि किसानों के भुगतान में किसी भी तरह की देरी न हो और उत्पादन क्षमता को अधिकतम किया जाए।
किसान का सम्मान सरकार की जिम्मेदारी : सैनी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गन्ना किसानों की मेहनत और पसीने का पूरा मूल्य देना सरकार की प्राथमिकता है। सरकार का लक्ष्य है कि हरियाणा के किसान खुशहाल हों, उनका भुगतान समय पर मिले और उन्हें देश में सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त हो। किसान का सम्मान सरकार की जिम्मेदारी है। गन्ने का रेट बढ़ने की घोषणा के बाद प्रदेश के किसानों में उत्साह है। राज्य सरकार के इस कदम से हरियाणा की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मिठास और मजबूती मिलेगी।