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यमुना-घग्गर में प्रदूषण पर हरियाणा सरकार गंभीर

फरीदाबाद और गुरुग्राम समेत सात निगम आयुक्तों से मांगी रिपोर्ट
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हरियाणा से होकर दिल्ली जाने वाली यमुना और घग्गर नदी में प्रदूषण को लेकर सरकार गंभीर हो गई है। स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक ने हरियाणा के सात नगर निगमों के आयुक्तों और अम्बाला के जिला निकाय आयुक्त को तलब कर लिया है।

दोनों नदियों के प्रदूषण को खत्म करने के उद्देश्य से महानिदेशक ने छह अगस्त को पंचकूला में बैठक बुलाई है। इस बैठक में फरीदाबाद, गुरुग्राम, करनाल, पानीपत, यमुनानगर, सोनीपत और पंचकूला नगर निगमों के आयुक्तों को बुलाया गया है। इसके अलावा अम्बाला के जिला निकाय आयुक्त और अम्बाला सदर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को भी बुलाया गया है। बैठक में सभी अधिकारी अपने क्षेत्र में सीवरेज और ट्रीटमेंट प्लांट के बारे में रिपोर्ट देंगे। इसके अलावा सीवर लाइन बिछाने, एसटीपी पर ओएमडी और फ्लो मीटर लगाने, घरेलू सीवर कनेक्शनों में अंतराल, उपचारित अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग जैसे मुद्दों पर भी रिपोर्ट देंगे।

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इस बैठक में मिली रिपोर्ट के आधार पर हरियाणा सरकार द्वारा यमुना और घग्गर को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए रोडमैप तैयार करते हुए अधिकारियों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा।

गौर हो कि यमुना नदी में प्रदूषण का मुद्दा दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान गरमाया रहा था। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के अलावा दिल्ली के भाजपा नेताओं ने यमुना नदी में जाकर पानी का आचमन भी किया था। वहीं आम आदमी पार्टी ने हरियाणा पर यमुना को दूषित करने के आरोप लगाए थे।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा पर यमुना में जहर मिलाने तक का आरोप लगाया था। इसे लेकर उनके खिलाफ एक केस सोनीपत की अदालत में विचाराधीन है।

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